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जर्जर भवनों की मरम्मत हेतु एक सप्ताह में शुरू होगी कार्यवाही, विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा प्रदेश में जर्जर भवनों को लेकर दिए गए निर्देशों की अनुपालना में जिला कलेक्टर श्री आलोक रंजन के नेतृत्व में चित्तौड़गढ़ जिले में विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं चिकित्सालय भवनों का व्यापक निरीक्षण शनिवार को किया गया।
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जिले के सभी उपखंडों में अधिकारियों की टीमों ने फील्ड में जाकर भवनों की स्थिति का गहन मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान जिले के कुल 174 विद्यालयों को जर्जर श्रेणी में पाया गया, जिनमें से 151 विद्यालयों का शनिवार को मौके पर निरीक्षण किया गया।
मुख्य निर्देश और कार्रवाई
जिन विद्यालयों की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई, उन्हें समीपवर्ती सुरक्षित विद्यालयों में अस्थायी रूप से शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि एक सप्ताह के भीतर समसा या डीएमएफटी (DMFT) फंड की सहायता से टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर आवश्यक मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ करवाया जाए।
तब तक ऐसे भवनों को पूर्णतः सील करते हुए रस्सी या बैरिकेडिंग की जाए ताकि विद्यार्थी उन क्षेत्रों में न जाएं।
जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को चेताया गया है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में व्यक्तिगत उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।
भ्रामक समाचारों पर त्वरित कार्रवाई
शनिवार को कुछ समाचार पत्रों में जिले के गंगरार, बेगूं, भदेसर एवं चित्तौड़गढ़ उपखंड के कुछ विद्यालयों की स्थिति को लेकर प्रकाशित भ्रामक समाचारों के बाद संबंधित अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण कर तत्परता से सुधारात्मक कदम उठाए।
सर्वेक्षण कार्य में प्रशासन की मुस्तैदी
जिला स्तर से उपखंड स्तर तक अधिकारियों ने फील्ड में जाकर विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और चिकित्सालयों की जमीनी स्थिति देखी।
सभी विकास अधिकारियों, तहसीलदारों, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
