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सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा। पीएम श्री रा.ऊ.मा. विद्यालय निंबाहेड़ा मे चित्रगुप्त कायस्थ समाज के युवा संगठन अध्यक्ष विनय सक्सेना द्वारा दिनांक 13-9-25 को नशा मुक्ति अभियान,नैतिक मूल्यों व चरित्र निर्माण के बारे में विद्यार्थियों को बताया कि आज कम आयु में ही बच्चे मोबाइल पर कई घंटो तक गेम खेलते रहते हैं जिससे उन्हें भी मोबाइल का नशा हो गया है जो किसी ड्रग्स जैसे नशे से भी कम नहीं है l
उपरोक्त क्रम में कायस्थ समाज युवा अध्यक्ष विनय सक्सेना ने मोबाइल के दुष्परिणामों के बारे में बताया कि आज की युवा पीढ़ी बिना मोबाइल के भोजन नहीं करती है और इस कारण से मोबाइल का नशा इतना बढ़ गया है यदि उनसे मोबाइल लिया जाए तो वह गुस्सा करेंगे, जोर-जोर से चिल्लाएंगे और छोटे बड़े का ध्यान न रखते हुए हाथ भी उठा लेते हैं ऐसा देखा गया है,इसलिए हमें अपने युवा पीढ़ी को मोबाइल जैसे नशे से भी बचाना होगा क्योंकि इस कारण भी बच्चों में नैतिक मूल्य और चरित्र निर्माण में कमी होती जारही है उन्हें स्थूल खेलो के प्रति जागरूक करना होगा शरीर के द्वारा खेले गए गेम्स की ओर बढ़ावा देना होगा साथ ही उन्हें अपने नैतिक मूल्य चरित्र निर्माण पर भी ध्यान देना होगा और उन्हें मर्यादा में रहकर हर कर्म करना होगा क्योंकि हर चीज की मर्यादा ही हमें सुख देती है यदि हम मर्यादा तोड़ते हैं तो उसका बहुत बड़ा खामियांजा हमें, परिवारों और समाज को भुगतना पड़ता है जैसे पानी प्यास बुझाता है यदि वह मटके में रखा हो और यदि वह पानी बाढ़ का रूप ले लेती है मर्यादा तोड़ देती है तो उससे कई घर जन माल धन की हानि हो जाती है, इसलिए हमें सदैव मर्यादा में रहना चाहिए कई बच्चे मोबाइल्स को रात देर तक देखते हैं और सुबह देर से उठते हैं इससे भी हम अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते हैं मन कमजोर होता है शरीर दुर्बल हो जाता है पढ़ाई में मन नहीं लगता है, याद किया हुआ भुल जाता हैं,एकाग्रता की कमी हो जाती है क्योंकि ज्यादा देर से सोने पर नींद की कमी हो जाती है जिससे भी कई रोग पैदा हो जाते हैं इसलिए हमें मर्यादा में रहकर सोना है और उठाना है और समय पर अपने सभी काम व्यवस्थित तभी हो सकेंगे जब हम मर्यादा में रहेंगे और नैतिक मूल्य और चरित्र का निर्माण करेंगे भविष्य में किसी भी प्रकार का नशा न करने,बुरी आदतो व बुरे संग से बचने, नैतिक मूल्य व चरित्र निर्माण करने एवं मर्यादा पुरुषोत्तम बनने हेतु विद्यालय में सभी छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम के अंत में राजयोग मेडिटेशन सिखाया गया, अपने आप से प्रतिज्ञा कराई गई कि वह कभी भी मोबाइल का अधिक प्रयोग नहीं करेंगे, झूठ नहीं बोलेंगे, गुस्सा नहीं करेंगे,बड़ों का सम्मान करेंगे और समय पर होमवर्क करेंगे और इस हेतु प्रतिदिन अच्छे विचारों को अपने दैनिक जीवन में सुबह उठते ही चिंतन करते हुए उसका प्रेक्टिकल स्वरूप बनेंगे एवं वहां के आदरणीय अध्यापिका महोदया संगीता बाहेती जी ने भी इस कार्यक्रम की बहुत सराहना की और बताया कि हमें आशा है कि इस कार्यक्रम से बहुत से बच्चे लाभान्वित होंगे l