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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के भदेसर थाना क्षेत्र में निजी बस के परिचालक की हत्या के मामले में आक्रोश देखने को मिल रहा है। प्राइवेट बस के मालिकों और इनके अधीन काम करने वाले चालक एवं परिचालकों ने जिला प्रशासन से मांग उठाई है कि इस मामले की जांच कर दोषी को कड़ी सजा दी जाए। साथ ही ऑटो के दस्तावेज की जांच तथा चालकों के पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की मांग की है। आरोप लगाया कि कई अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी ऑटो का संचालन कर रहे हैं।
चित्तौड़गढ़ शहर के भदेसर थाना क्षेत्र में होड़ा चौराहा के यहां पर निजी बस के परिचालक जगन्नाथ गुर्जर की मामूली विवाद में ऑटो चालक ने हमला कर हत्या कर दी थी। इस मामले में सोमवार को प्राइवेट बस ऑपरेटर चित्तौड़गढ़ एवं निंबाहेड़ा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया।चित्तौड़गढ़ एवं निंबाहेड़ा से बड़ी संख्या में बस ऑपरेटर, परिचालक एवं चालक चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पहुंचे और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस संबंध में निजी बस एसोसिएशन के सचिव इरशाद मोहम्मद शेख ने बताया कि गत 22 तारीख को राजनंदिनी बस के परिचालक जगन्नाथ गुर्जर की ऑटो चालक ने हत्या कर दी थी। हाल ही में सांवलियाजी में श्रद्धालुओं की तादाद में काफी संख्या में वृद्धि हुई है। चित्तौड़गढ़ जिले में करीब सात से आठ हजार ऑटो रिक्शा चल रहे हैं। चित्तौड़गढ़ में रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड के अलावा निंबाहेड़ा से भी बड़ी संख्या में 500 से ज्यादा ऑटो रिक्शा प्रतिदिन सांवलियाजी के लिए चलते हैं। यातायात में बसों का साधन काफी अच्छा है। रोडवेज के अलावा लोक परिवहन की बसें भी काफी चल रही है। लेकिन आए दिन सांवलियाजी मार्ग पर ऑटो रिक्शा वालों का उत्पात है, जो बस वालों से दादागिरी करते हैं। इसी हत्या में लिप्त ऑटो चालक पहले भी निजी बसों के अलावा रोडवेज बस के स्टाफ से भी झगड़ा कर चुका है। इसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। प्रदर्शन में प्राइवेट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम हेडा, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश डूंगरवाल, शंभूलाल वैष्णव, गोविंद, मनोज शर्मा, सूर्यपाल सिंह गौड सहित बड़ी संख्या में बस ऑपरेटर्स आदि शामिल हुवे।
मृतक के आश्रितों को मिले आर्थिक सहायता
एसोसिएशन के सचिव इरशाद मोहम्मद ने बताया कि निजी बस के परिचालक जगन्नाथ गुर्जर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। परिवार में सात सदस्य हैं तथा वह अकेला व्यक्ति ही कमाने वाला था। इसी पर पूरा परिवार आश्रित था। इसके परिवार को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही हत्या के मामले में जो लिप्त हैं उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
ऑटो के दस्तावेज की हो जांच
सचिव इरशाद मोहम्मद ने बताया कि जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक के अलावा परिवहन विभाग से आग्रह है कि जिले में संचालित ऑटो रिक्शा की जांच की जाए। इन ऑटो रिक्शा के चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाए। साथ ही ऑटो की बीमा, फिटनेस सहित अन्य दस्तावेज की जांच की जाए। ऑटो एवं चालकों की नियमित जांच हो तो हादसों पर रोक लगे तथा अपराधों पर भी अंकुश लगे।