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संस्कृत और सनातन संस्कृति का होगा व्यापक प्रसार
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर चित्तौड़गढ़ में इस वर्ष गीता जयंती का पर्व विशेष रूप से उल्लास, आध्यात्मिक उत्साह और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया जाएगा। संस्कृत भारती चित्तौड़गढ़, ॐ तत्सत् पारमार्थिक संस्था तथा अमर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाला यह महोत्सव संस्कृत भाषा, भारतीय दर्शन और गीता संदेश के जन-जन में प्रसार का महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है।
18 पर्वों की प्रेरणा से 18 प्रतियोगिताएँ
कार्यक्रम संयोजक डॉ. श्याम सुन्दर पारीक ने बताया कि महाभारत के 18 पर्व, गीता के 18 अध्याय और युद्ध के 18 दिनों की प्रेरणा से इस वर्ष अष्टादश (18) विविध प्रकार की प्रतियोगिताएँ रखी गई हैं।
30 नवम्बर (रविवार) को आर.एन.टी. कॉलेज, गांधी नगर में आयोजित होने वाली इन प्रतियोगिताओं में श्लोक पाठ, सूक्ति–सुभाषित, संस्कृत गीत, संस्कृत संभाषण, पत्र लेखन, शब्दकोश, कथा वाचन, मंत्रोच्चारण, काल गणना, स्तोत्र गायन, गीता श्लोक शास्त्रार्थ, शब्द रूप, धातु रूप, वेद प्रश्नोत्तरी, छन्द गायन, संस्कृत नाट्य मंचन, नीति श्लोक शास्त्रार्थ एवं नैतिक शिक्षाप्रद संस्कृत रील्स प्रतियोगिता सम्मिलित हैं।
इन सभी प्रतियोगिताओं का उद्देश्य युवाओं और सामान्य जन में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत करना तथा गीता के संदेश को अधिक सुलभ रूप में प्रस्तुत करना है।
सभी आयु वर्ग के प्रतिभागियों को अवसर
ज्योतिषाचार्य पंडित विकास उपाध्याय ने बताया कि इस आयोजन में केवल विद्यार्थी ही नहीं, बल्कि सभी आयु वर्ग के इच्छुक अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। विजेताओं को 1 दिसम्बर को आयोजित होने वाले मुख्य गीता जयंती महोत्सव में सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य दिवस पर सामूहिक गीता पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रम
मुख्य दिवस पर वैदिक विद्वानों एवं बटुकों द्वारा सामूहिक गीता पाठ, वैदिक मंगलाचरण तथा प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों द्वारा संस्कृत भाषा में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी।
महोत्सव के दौरान सनातन धर्म की परंपराओं के संरक्षण, संवर्द्धन और प्रसार का सामूहिक संकल्प भी लिया जाएगा।
आयोजन की तैयारियों को लेकर हाल ही में हुई बैठक में संस्कृत भारती जिला सह-संयोजक विक्रम सिंह राठौड़, नगर मंत्री भृगु कुमार शर्मा, अमर विकास समिति अध्यक्ष हेमेंद्र कुमार सोनी, सीए सुनील भण्डारी, पं. कौशल शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।
सभी ने श्रीमद्भगवद्गीता के माध्यम से धर्म, अध्यात्म, संस्कृत भाषा और राष्ट्र जागरण के संदेश को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया।
सनातन परंपरा के अनुसार हर वर्ष मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है। आयोजकों ने इस बार भी नगरवासियों से अधिकाधिक संख्या में भाग लेकर इस उत्सव को सफल बनाने की अपील की है।