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चित्तौड़गढ़। वर्तमान शासन–प्रशासन की नीतियों के विरोध में एनएसयूआई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सोमवार, 1 दिसम्बर को जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला कलक्टर को राज्यपाल के नाम तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान छात्रों में बेरोजगारी, शिक्षा संस्थानों में स्टाफ की कमी तथा वोटर सूची में कथित अनियमितताओं को लेकर गहरा आक्रोश देखने को मिला।
एनएसयूआई ने ज्ञापन में कहा कि सरकारी नीतियों के कारण प्रदेश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है, जिससे युवा गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। संगठन ने मांग की कि जिले सहित पूरे प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।
दूसरी मांग में जिले के महाविद्यालयों व विद्यालयों में स्टाफ की भारी कमी का मुद्दा उठाया गया। छात्रों का कहना है कि शिक्षकों एवं कर्मियों की कमी से शैक्षणिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है, जिसे तत्काल प्रभाव से सुधारा जाना चाहिए।
तीसरी मांग में एनएसयूआई ने वोटर सूची में नए जुड़े और कटे हुए वोटों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की बात कही। संगठन का आरोप है कि ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को लेकर आमजन में रोष है, ऐसे में प्रशासन पूर्ण ईमानदारी के साथ प्रक्रिया को सार्वजनिक करे।
ज्ञापन सौंपने से पहले एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कलक्टर चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला दहन किया। इसी दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा कलक्टर कार्यालय में प्रवेश का प्रयास करने पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए, जिससे हल्की झड़प जैसी स्थिति बन गई। बाद में पुलिस की समझाइश और कुछ प्रतिनिधियों को कार्यालय में भीतर जाने की अनुमति देने के बाद स्थिति शांत हो गई।
जिला कलक्टर की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम कार्यालय से बाहर आकर छात्रों से मिलीं, उनकी समस्याएँ सुनीं और ज्ञापन ग्रहण किया। एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि यदि मांगों का समयबद्ध समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
इस दौरान विभिन्न थानों के पुलिस निरीक्षक,उपाधीक्षक, उपनिरीक्षक, अतिरिक्त पुलिस उपनिरीक्षक सहित भारी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा।