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छोटीसादड़ी। बारां की बावड़ी पौधशाला में वन जागृति एवं वन सुरक्षा के लिए उप वन संरक्षक संग्रामसिंह कटियार की अध्यक्षता में वन सुरक्षा एवं प्रबंध समितियों की सामूहिक बैठक आयोजित हुई। जिसमें वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति सियाखेड़ी,धोलापानी,सज्जनपुरा,ईंटो का तालाब के अध्यक्ष एवं सदस्य सदस्यों ने भाग लिया। कटियार ने सभी सदस्यों से को वन सुरक्षा के प्रति किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। साथ ही निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु में वन सुरक्षा के प्रति हमारा दायित्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। क्योंकि इसी समय चराई, अतिक्रमण व कटान के बढ़ जाते हैं। ऐसे में समितियों के सदस्यों को चौकस रहकर इनकी रोकथाम करना है। उन्होंने वनों से कैसे अपना जीवन निर्वाह करें और साधन विकसित किया जाए इसकी भी विस्तृत विस्तृत रूप से जानकारी दी। साथ ही वनों से प्राप्त होने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ के बारे में भी जानकारी दी। वन क्षेत्र में तिनके से लगाकर पत्ते तक हम सब के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने वनों को सोने के अंडा देने वाली मुर्गी की संज्ञा भी दी। साथ ही बताया कि प्रतापगढ़ जिले में प्रचुर मात्रा में वन क्षेत्र हैं जो अपार आप सीजन का कारखाना है। संग्राम सिंह कटियार ने राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन से वन क्षेत्र में कटाई में काफी कमी आई है और वनों पर इंधन की निर्भरता समाप्त हुई है। कटियार ने आश्वासन दिया कि यदि कोई व्यक्ति उज्जवला योजना के पात्र होकर वंचित रह गया हो,तो वे रेंज कार्यालय से संपर्क करें। समिति के सदस्यों ने इन सभी बिंदुओं पर सहमति व्यक्त कर मांग की है कि वन क्षेत्र में अधिक से अधिक वन विकास के कार्य स्वीकृत करें। ताकि लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। इस दौरान रेंजर अश्विनी प्रतापसिंह, वनपाल त्रिलोकनाथ ने सभी सदस्यों को मासिक वितरित कर सामाजिक दूरी बनाए रखने की जानकारी भी दी।