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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चित्तौड़गढ़ ने सहनवा ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। ठेकेदार को निर्माण कार्यों में हुवे भुगतान के बदले सरपंच और सचिव ने पांच-पांच प्रतिशत रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने पहले सरपंच को पकड़ा और बाद में फोन पर बात करवाने के बाद सचिव की सहमति होते ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों को एसीबी कार्यालय लाया गया है, जहां दोनों से पूछताछ जारी है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रमसिंह ने बताया कि उन्हें एक ठेकदार ने शिकायत दी थी। इसमें उसने बताया कि चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सहनवा में आने वाले बोजुंदा स्कूल में दो भवन और बरामद बनाने के लिए करीब 22 लाख की स्वीकृति हुई थी। इस पर प्रार्थी इस स्कूल में भवन निर्माण कर रहा था। सरकार की और से भुगतान के पेटे ठेकेदार की पहली किश्त 7 लाख 65 हजार रुपए स्वीकृत हुवे थे। इसके भुगतान के बदले सरपंच और सचिव ने रिश्वत की मांग की थी। सरपंच और सचिव ने पहले 15 प्रतिशत राशि और बाद में पांच-पांच प्रतिशत राशि देना तय हुआ था। इस पर 35-35 हजार रुपए सरपंच और सचिव को देना था। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। इस पर एसीबी ने गुरुवार को पहले सरपंच भैरूलाल सुथार को सेटेलाइट हॉस्पिटल के गेट पर 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। बाद में सचिव दीपक चतुर्वेदी को कॉल करवाया। इसमें उसने अपने हिस्से की राशि 35 हजार रुपए सरपंच को देने की बात कही। फोन पर वार्ता होने के बाद एसीबी की टीम ने सचिव दीपक चतुर्वेदी को पंचायत समिति के गेट से पकड़ लिया। सरपंच और सचिव को एसीबी चित्तौड़गढ़ कार्यालय लाया गया, जहां दोनों से पूछताछ की जा रही है।
भुगतान तो आया लेकिन नहीं दे रहे थे ओटीपी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रमसिंह ने बताया कि ठेकदार का भुगतान कुछ दिन पहले ही हो गया था। पहली किश्त की राशि ग्राम पंचायत से ओटीपी देने के बाद ठेकेदार के खाते में होता। लेकिन सरपंच और सचिव ठेकदार को ओटीपी नहीं दे रहे थे और रिश्वत की मांग कर रहे थे। रिश्वत राशि पर सहमति होने पर बुधवार शाम को ही ओटीपी देकर ठेकेदार के खाते में 7 लाख 65 हजार का भुगतान आया था। साथ ही आरोपित सरपंच और सचिव ने यह भी कहा कि 65 हजार का कमीशन नहीं ले रहे हैं। ईमानदारी दिखाते हुवे केवल 7 लाख का ही कमीशन मांग रहे हैं।