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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ (चितौड़ डेयरी) ने नवाचार किया है। इस नवाचार के चलते डेयरी में दूध देने वाले किसानों को बाहर से महंगी कुट्टी मशीनें खरीदने की जरूरत नहीं है। सरस डेयरी अब सब्सिडी के साथ मशीनें सीधे किसानों को दे रही है। इससे किसानों और डेयरी के बीच पारदर्शिता बनी रहेगी। इस मशीन के लिए किसानों को सिर्फ 25,500 रुपए का भुगतान करना होगा। डेयरी ने इसके लिए दो कंपनियों को 600 मशीनों का टेंडर दिया है।
चितौड़गढ़ डेयरी के चेयरमेन बद्रीलाल जगपुरा ने बताया कि डेयरी अब संघ के किसानों को बीते 2-3 महीनों से सीधे कुट्टी मशीन दे रही है। पहले किसान मार्केट से कुट्टी मशीन खरीद के लाता था। उसकी क्वालिटी भी सही हो, इसकी गारंटी नहीं होती थी। मोटर भी 12 हजार रुपए से ज्यादा का होता था। ऐसे में किसानों को मशीन की रेट कम से कम 39 हजार रुपए का पड़ जाता था। खरीदने के बाद किसान संघ को बिल पेश करता था। उसके बाद उन्हें 6 हजार रुपए का की सब्सिडी मिलती थी। इसमें भी कई बार आरोप लगे हैं। ऐसे में संघ ने यह फैसला किया है कि किसानों और संघ के बीच में पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए। डेयरी चेयरमैन जगपुरा ने बताया कि गुजरात और झुंझुनू की दो कंपनियों को 600 मशीनों का टेंडर दिया है। अब कुट्टी मशीन सीधे किसानों को संघ से ही मिलेगी।
यह किसान होंगे पात्र
डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट ने बताया कि ऐसे किसान जिन्होंने संघ में एक साल में 180 दिन दूध देते हुवे पूरे कर लिए हो या पिछले साल 300 लीटर दूध दिया हो, उनको यह कुट्टी मशीन दी जा रही है।
अब तक 87 किसानों ने उठाया लाभ
डेयरी चेयरमेन जगपुरा ने बताया कि संघ ने अब 6 हजार रुपए की जगह 8 हजार रुपए सब्सिडी देना शुरू किया है। इन मशीनों का मूल्य 33,500 रुपए है। उसमें से 8 हजार रुपए की सब्सिडी काट कर 25,500 रुपए में मशीनें दी जा रही है। पिछले दो-तीन माह में अब तक 87 मशीन दी जा चुकी है। ज्यादा मशीनों का टेंडर एक साथ देने के कारण यह मशीनें कम दर पर मिली है।