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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचन्द गहलोत ने सोमवार को चित्तौड़गढ दूर्ग का भ्रमण किया और दूर्ग के ऐतिहासिक महत्व को सराहा। गोल्फ कार्ट में दुर्ग भ्रमण के दौरान थावरचंद गहलोत स्थापत्य और शिल्पकला से अभिभूत नजर आए और विस्तार से विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों से संबंधी जानकारी ली। त्याग और शौर्य के प्रतीक विजय स्तंभ को तकनीक का अद्भुत उदाहरण बताया। कुम्भा महल के भ्रमण के दौरान राज्यपाल गहलोत ने दुर्ग में निवासरत लोगों के बारे में भी जानकारी ली।
राज्यपाल गहलोत ने चित्तौड़गढ़ दूर्ग पर फतहप्रकाश, कुंभ श्याम मंदिर, पद्मिनी महल का भी भ्रमण कर कालिका माता मंदिर में सपरिवार दर्शन किए। दुर्ग संबंधी विभिन्न तथ्यों की जानकारी स्थानीय गाइड पार्वती सुखवाल ने दी। राज्यपाल ने पर्यटकों के आग्रह पर सहजता से उनके साथ फोटो खिंचवाएं। दुर्ग फोटोग्राफर एसोसिएशन की ओर से राज्यपाल गहलोत को दुर्ग भ्रमण का फोटो देकर एवं उपरणा पहनाकर स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान राज्यपाल के एडीसी संदीप शर्मा, ओएसडी शंकर गुर्जर एवं योगेश उपाध्याय साथ रहे। चित्तौड़गढ़ प्रवास के बाद राज्यपाल सीधे प्रतापगढ़ के लिए रवाना हो गए।
इससे पूर्व प्रोटोकॉल ऑफिसर रावतभाटा एडीएम विनोद मल्होत्रा ने दुर्ग पर राज्यपाल का व्यू पॉइंट पर गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान एडिशनल एसपी सरिता सिंह सहित, पुलिस उपाधीक्षक विनय कुमार, बद्रीलाल राव के साथ पर्यटन और पुरातत्व विभाग के कई अधिकारी उपस्थित रहे।