views
।। माँ भारती के पुत्र ।।
वो माँ भारती के पुत्र हैं, उनके रक्त में उबाल है।
कोरोना के दैत्य विरुद्ध, थामें कर्म की मशाल हैं ।।1।।
प्रबल है ये शत्रु अगर, योद्धा भी वो विकराल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।2।।
विकट भले हो यह समय, संक्रमण के वो भी काल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।3।।
प्रबल दुष्ट है विषाणु तो, वो चले दुष्ट-दमन सी चाल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।4।।
है महामारीकर्ता दस्यु यह, तो वो भी कोतवाल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।5।।
है खड्ग सा इसका वार तो, श्वेताम्बर वैद्य मेरी ढाल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।6।।
कोविड यदि बहुरूपी छल, तो वो दृढ़ विश्वास की मिसाल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।7।।
अभेद्य सा है लक्ष्य तो, वो एकलव्य सा धमाल है ।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।8।।
है सिकन्दर सी इसकी चाल तो, भारत चन्द्रगुप्त मौर्य की टकसाल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।9।।
है जाल ये रिपु का तो, हम भी आर्यवर्त के लाल है।
वो माँ भारती के पुत्र है, उनके रक्त में उबाल है ।।10।।
जय हिन्द- जय भारत।
वन्दे धेनु मातरम् ।
रचयिता- एडवोकेट योगेंद्र सिंह शेखावत, निवासी- पीजी-32 आरपीएस कॉलोनी रावतभाटा, जिला-चित्तौड़गढ़ राजस्थान (भारत)
यह रचना कोरोना से वीरता पूर्वक कर्तव्य निर्वाह व संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके कोरोना योद्धाओं तथा वर्तमान समय में सेवारत व संघर्षरत समस्त कोरोना योद्धाओं यथा- सामान्य प्रशासन/ पुलिस प्रशासन /चिकित्सा प्रशासन/ पैरामेडिकल स्टाफ/शिक्षा विभाग/ सफाई कर्मियों तथा समस्त समाज सेवकों को समर्पित है।