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छोटीसादड़ी
छोटीसादड़ी/निंबाहेड़ा। एक तरफ राज्य एवं केंद्र सरकार लॉकडाउन के दौरान विभिन्न स्थानों पर फंसे मजदूरों, विद्यार्थियों व आम लोगों को क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद गंतव्य तक भेजने का प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए सरकार की ओर से अपने स्तर पर तो कहीं-कहीं लोग चंदा कर भी वाहनों से इन लोगों को अपने घरों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जिला स्तर पर प्रशासनिक अधिकारी के प्रशासनिक कारणों के चलते यह मजदूर रास्ते में अटक रहे हैं। ऐसे ही मजदूरों से भरी एक बस चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा-छोटीसादड़ी क्षेत्र में अटक गई है। पाली जिले के रोहट से मध्यप्रदेश जा रही इस बस को चित्तौड़गढ़ जिला प्रशासन ने तो अनुमति दे दी लेकिन प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने इस बस को प्रवेश पर रोक लगा दी। ऐसे में यह मजदूर चित्तौड़गढ़ जिले में अटक कर रह गए हैं। साथ पुलिस इन मजदूरों को भोजन करवा रही है। ये मजदूर प्रतापगढ़ जिला प्रशासन से अनुमति के इंतजार में है।जानकारी के अनुसार प्रतापगढ़ जिले की सीमा पर निम्बाहेड़ा उपखंड में नरसखेड़ी चौराहे पर गुरुवार रात करीब 10 बजे रोहट जिला पाली से मजदूरों को लेकर आई बस अटक गई। यह मजदूर मूलतः इंदौर के पास के हैं। ऐसे में इन्हें इंदौर जाना है। करीब 19 दिन पहले जैसलमेर रामद्वारा से पैदल आ रहे इन मजदूरों को रोहट जिला पाली में क्वॉरेंटाइन किया गया था। इन्हें गुरुवार को रोहट उपखंड अधिकारी ने क्वॉरेंटाइन पूरा करने व मेडिकल जांच के बाद अपने पैतृक गांव जाने के लिए बस में अनुमति के साथ रवाना किया। इस बस को चितौड़गढ़ जिला प्रशासन ने अनुमति दे दी। इस पर यह बस गुरुवार रात करीब 10 बजे निंबाहेड़ा उपखंड के प्रतापगढ़ सीमा से लगे नरसखेड़ी चौराहा तक पहुंच गई। यहां प्रतापगढ़ प्रशासन ने इस बस को रोक लिया और आगे जाने के लिए मना कर दिया। ऐसे में इन मजदूरों के साथ यह समस्या हो गई कि अब आगे कहां जाए। प्रतापगढ़ जिला प्रशासन के लचर रवैये के चलते बस में मजदूर अटक कर रह गए। ऐसे में मजदूरों के यहीं भूखे मरने की नोबत आ गई है। निंबाहेड़ा सदर थाने के एएसआई गोपाल शर्मा ने इन मजदूरों के खाने की व्यवस्था के लिए छोटीसादड़ी के कुछ संगठनों से बात की है। लेकिन अब परमिशन होने के बावजूद भी यह मजदूर आगे नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में अब आगे क्या होगा यह असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बस में मजदूरों की संख्या 39 बताई जा रही है। इधर, चितौड़गढ़ जिला कलक्टर चेतनराम देवड़ा ने बताया कि अभी वाहनों में इतनी संख्या में लोगों को परिवहन की अनुमति नहीं है। प्रतापगढ़ जिला प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो फिर इस बस को पुनः पाली भेजा जाएगा।