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निंबाहेड़ा। नगर में कोरोना संक्रमित के मिलने के बाद से ही आनन-फानन में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया। कर्फ्यू से पहले भी नगर पूरी तरीके से लॉक डाउन था। कर्फ्यू के बाद से नगर में रहने वाले किसानों के खेतों और बाड़ों में जो मवेशी बंधे हुए हैं उन मवेशियों को चारा पानी की व्यवस्था को लेकर प्रश्नचिन्ह लग चुके हैं। मवेशियों का सवेरे और शाम को दूध भी दुहना पड़ता है। ऐसे में जो मवेशी कर्फ्यू के बाद से खेतों व बाड़ों में भूखे प्यासे हैं, इन तक किसान नहीं पहुंच पा रहा है। इस संबंध में रविवार को प्रशासन को अवगत कराने के पश्चात भी इस पर किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जाना पशुओं के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। प्रशासन ने एक तरफ नगर के लोगों के लिए सब्जी और दूध की सप्लाई के लिए गाड़ियां खड़ी कर दी हैं। गौशालाओं में भी चारे पानी के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।नगर में भी प्रशासन द्वारा घुमंतू मवेशियों के लिए चारे पानी की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन खेतों पर बंधे मुक पशु कहां जाए। प्रशासन को संवेदनशीलता दिखाते हुए पशुपालकों के लिए समय निर्धारित कर छूट देना चाहिए। जानकारी मिली है कि कासोद दरवाजा, पेच तलाई, अहीरों का पूरा, इशक्काबाद, रानीखेड़ा दरवाजा, आजाद चौक आदि में किसानों की आबादी है। इनके बड़ी संख्या में पालतू पशु खेत और बाड़ों में बंधे हैं। ऐसे में पशु पालकों को पास देने की मांग कल रविवार को भी उठी थी।