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छोटीसादड़ी। विवाह समारोह की चकाचौंध में लाखों रुपए फूंक दिए जाते हैं। शान-शौकत के आगे रुपए कोई मायने नहीं रखते। विवाह के एक माह पहले से तैयारियां हो जाती है,लेकिन छोटीसादड़ी नगर में बुधवार को एक अनोखी शादी काफी चर्चित रही। इस दौरान ना कोई बारात निकली और बैण्डबाजे की स्वर लहरियां भी नहीं गूंजी। वर घोड़ी पर सवार होकर तोरण मारने भी नहीं गया। बस एक-दो घंटे में चट मंगणी-चट ब्याह हो गया। शादी में केवल दुल्हन के माता-पिता, दूल्हे के मम्मी-पापा, ताऊ और भाई सहित कुल 10-12 लोग ही उपस्थित रहे। इस दौरान कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के सभी नियमों की पालना की गई।दरअसल, छोटीसादड़ी नगर निवासी संगीता उर्फ तारा पुत्री धनराज साहू की शादी लॉकडाउन से पहले ही तय हो गई थी। ऐसे में विवाह समारोह स्थल, हलवाई, कैटरिंग, बैण्डबाजा व विद्युत डेकोरेशन सहित अन्य की बुकिंग हो गई थी, लेकिन सभी को निरस्त करना पड़ा। इस बीच न कोई ढोल-ढमाके बजे और न ही मांगलिक गीत गुंजे। बुधवार को मात्र दो घंटे में विवाह हो गया। सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मुंह पर मास्क लगाए। अग्नि के समक्ष पंडित ने सात फेरे कराए और वर-वधु को जीवन साथी बना दिया। लॉकडाउन के समय में हुई शादी की यादें भी खास रहने वाली हैं। छोटीसादड़ी में एक जोड़ा बुधवार को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, अग्नि के सात फेरे लेकर शादी के पवित्र बंधन में बंधा। लॉकडाउन के नियमों का भी दोनों परिवारों ने ख्याल रखा। कोरोना के संकट से बचने के लिए वर-वधू ने पहले खुद को सैनिटाइज किया। फिर मास्क लगाकर सात फेरे लिये और सात जन्मों के लिए एक दूजे के हो गये। दरअसल, कोरोना काल मे जिला प्रशासन प्रतापगढ़ की अनुमति से बुधवार को संगीता(तारा) पुत्री धनराज साहू निवासी छोटीसादड़ी का विवाह चेतन पुत्र दलीचन्द साहू चितौड़गढ़ के साथ हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।जानकारी अनुसार दोनों परिवारों को इस दिन तक लॉकडान खुलने की उम्मीद थी, लेकिन लॉकडाउन खुला नहीं। ऐसे में प्रशासन की अनुमति पाकर जोड़ा शादी के पवित्र बंधन में बंध गया।
सपने में भी नहीं सोचा था...
दुल्हन के रिश्तेदार ने बताया कि बेटी के विवाह को लेकर कई सपने संजोए थे। विवाह में बैण्डबाजा बजेगा। हजारों लोग भोज समारोह में शामिल होंगे। दूल्हे राजा घोड़ी पर बैठकर तोरण मारने आएंगे। विवाह समारोह स्थल पर वर माला का कार्यक्रम होगा। बाराती नृत्य करते आएंगे। विद्युत डेकोरेशन से रंगबिरंगी रोशनी की चकाचौंध रहेगी,लेकिन इनमें से किसी का आयोजन नहींं हो पाया। कुछ घंटों में ही बेटी आज पराई हो गई। हालांकि इस बात का उन्हें कोई रंज नहीं है। जिस सादगी के साथ बेटी के हाथ पीले किए। यह सपने में भी नहीं सोचा था।