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अव्यवस्थाओं को लेकर फिर वायरल वीडियो ने खोली बेहतर इंतजाम की पोल
सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। साहब हमें कोरोना से मौत का डर नहीं है हमें तो भूख मार डालेगी ना तो राशन है और ना राशन का कोई इंतजाम, कोई हमारी सुनने वाला नहीं है। यह पीड़ा निंबाहेड़ा उपखंड के अटल नगर क्षेत्र के लोगों की है जो वीडियो वायरल कर भूख से जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। यह हालत तब है जब प्रशासन के अधिकारी बेहतर व्यवस्थाओं को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावे किए हो की लोगों को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा लेकिन प्रशासन की लापरवाही और अव्यवस्थाओं की बदौलत लोग खुद वीडियो वायरल कर यह कहने पर मजबूर हो गए हैं कि कोई उनकी सुध ले। सोशल मीडिया पर शुक्रवार शाम को वायरल हुआ यह वीडियो जाहिर कर रहा है कि कर्फ्यू लगाए जाने के एक पखवाड़े बाद भी प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी हालातों में कोई सुधार नहीं कर पाए हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब अव्यवस्थाओं को लेकर वीडियो वायरल किया गया हो, क्वॉरेंटाइन सेंटर से लेकर कई मामलों में पहले भी वीडियो वायरल हो चुके हैं लेकिन इन हालातों में जवाबदेही किसकी है इस बारे में बोलने के लिए कोई तैयार नहीं है। प्रशासन राशन किट वितरण, डोर टू डोर सप्लाई, मोबाइल एटीएम जैसी व्यवस्थाओं को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है लेकिन हालात यह है कि लोग अभी भी वीडियो वायरल कर प्रशासनिक व्यवस्थाओं के तहत मुहैया कराए जाने वाले इंतजामों की आस में गुहार लगाने को मजबूर है। एक और जहां संक्रमण रोकने के नाम पर महाकर्फ्यू लगा कर लोगों को घरों में बंद कर दिया गया है वही दूसरी ओर व्यवस्थाओं के नाम पर धरातल की तस्वीर बिल्कुल अलग निकलकर सामने आ रही है। अटल नगर क्षेत्र के निवासियों द्वारा वायरल किया गया यह वीडियो उन लोगों के आक्रोष के साथ-साथ मन के डर को भी बखूबी बयान कर रहा है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नाम पर की जा रही सख्ती के बीच धरातल पर माकूल इंतजाम करने में विफल हुए प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशैली को और लोगों की पीड़ा को बताने वाला है, यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता के दौरान निंबाहेड़ा में व्यवस्था माकूल होने का दावा खुद जिला कलेक्टर चेतन राम देवड़ा कर चुके हैं और लोगों को धैर्य बनाए रखने की अपील कर रहे हैं लेकिन भूखे पेट बिना राशन के लगता है अब लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है। ऐसे में सवाल यह है कि माकूल व्यवस्थाओं के नाम पर प्रशासनिक अधिकारी सरकार के व्यवस्था मुहैया कराए जाने के बावजूद लोगों को सुविधा नहीं पहुंचाने के बाद मामले में जिम्मेदारियां क्यों तय नहीं कर पा रहे हैं।
नई कॉलोनी सरकारी राशन का भी लाभ नहीं
वीडियो वायरल होने के बाद जानकारी लेने पर सामने आया कि अटल नगर नई विकसित कॉलोनी है जिसमें अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग हैं वही कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पुराने शहर से इस कॉलोनी में शिफ्ट हुए हैं जिनके राशन कार्ड पुराने पतों पर बने हुए हैं और इस क्षेत्र में सरकारी राशन के लिए भी वह पात्र नहीं है, कर्फ्यू लगे होने के चलते लोग अपने पुराने पतों पर राशन लेने नहीं जा पा रहे हैं और राशन के अभाव में राशन की कमी से जूझ रहे लोग वीडियो वायरल कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोरोना संक्रमण के बीच कहीं भूख उनकी जान ना ले ले। लोगों ने यह भी आरोप लगाए हैं कि इस क्षेत्र में डोर टू डोर सप्लाई की राशन की गाड़ियां भी नहीं आ रही है, सरकार की व्यवस्थाओं के नाम पर उन्हें केवल दूध सप्लाई हो रहा है इसके अलावा पैसा देने के बावजूद उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है, एक पखवाड़े से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद लोगों को राशन मुहैया नहीं करा पाना प्रशासन की विफलता का प्रमाण है। ऐसे हालातों में साफ है कि प्रशासनिक व्यवस्थाएं कागजों में दुरुस्त है लेकिन धरातल पर हालात की प्रशासन को समीक्षा करना चाहिए जिससे लोग आक्रोशित ना हों।
कौन बोल रहा है झूठ !
वीडियो वायरल होने के बाद यह सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर निंबाहेड़ा को लेकर झूठ कौन बोल रहा है। जिला कलेक्टर चेतन राम देवड़ा खुद मीडिया के माध्यम से बार-बार आंकड़े प्रस्तुत कर यह साबित करने में जुटे हुए हैं कि निंबाहेड़ा में व्यवस्थाएं सही ढंग से संचालित हो रही है गुरुवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर इंतजामों के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि मोबाइल एटीएम के माध्यम से कैश की किल्लत को दूर किया जा रहा है, डोर टू डोर राशन सप्लाई किया जा रहा है वहीं लोग वीडियो वायरल कर अब भी मदद की गुहार लगा रहे हैं कि साहब हम कोरोना से नहीं भूख से मर जाएंगे। वीडियो में साफ तौर पर लोग आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें ना तो सरकारी राशन मिल रहा है और ना पैसे देने के बावजूद उनके पास राशन उपलब्ध हो पा रहा है ऐसे में सवाल यह है कि आंकड़ों का खेल खेल कर या तो प्रशासन झूठ बोल रहा है या फिर वह लोग जो वीडियो वायरल कर अपनी पीड़ा जता सहायता की गुहार लगा रहे हैं। भूख और बेरोजगारी से परेशान यह लोग प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं लेकिन इसका जवाब देने के लिए केवल आंकड़े हैं जो प्रशासन जारी कर अपनी पीठ थपथपा रहा है।
पोल खुलने के बाद जागता है प्रशासन
यह पहली बार नहीं है कि अव्यवस्थाओं को लेकर वीडियो वायरल किया गया है। पूर्व में भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते रहे हैं, बिना जानकारी के लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाना वहां से वापस लाना, भोजन व्यवस्था सहित कई ऐसे मामले हैं जो पहले भी सामने आए हैं और लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन से गुहार लगाई है, इन हालातों से साफ हो रहा है कि धरातल पर लोग व्यवस्थाओं से संघर्ष कर रहे हैं जो अब उनके जीवन पर भारी पड़ने लगा है।
चिकित्सा व्यवस्था सराहनीय
कोरोना संक्रमण के बीच चिकित्सा व्यवस्था को लेकर हालात बेहतर हुए हैं। लगातार संक्रमण के रोगी ठीक हो रहे हैं लेकिन केवल चिकित्सा व्यवस्थाओं पर ध्यान देकर अन्य व्यवस्थाओं के इंतजामों से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है। निंबाहेड़ा में संक्रमण की दर में कमी आई है यह सराहनीय है लेकिन लोगों को बिना इंतजाम के भूखे मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है। वीडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर निंबाहेड़ा के प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो रहा है जो धरातल के इंतजामों की पोल खोल रहा है।
- सप्लाई को लेकर किसी प्रकार की समस्या नहीं है सभी स्थानों पर सप्लाई दी जा रही है वीडियो वायरल के मामले में कोई जानकारी नहीं है यदि कोई शिकायत है तो उसका तत्परता से समाधान किया जाएगा। पंकज शर्मा, उपखंड अधिकारी निंबाहेड़ा