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-लुंदाडा, चिमनपुरा व मालनू गांव के ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि
पिंडवाडा/बेडा। बाली उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत लुंदाडा के अधीनस्थ चिमनपुरा गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक कमलेश प्रसाद मीणा अपने घर सवाईमाधोपुर जाते वक्त 15 मई को अजमेर के निकट फोरलेन पर सडक हादसे में मौत होने की लुंदाडा, चिमनपुरा व मालनू गांव के लोगों को मिली तो ग्रामीण व मीणा समाज के लोगों पहुंचा गहरा सदमा लगा। उनके मृदुभाषी, सरल स्वभाव व व्यवहारशील होने पर ग्रामीणजन उनकी तरफ़ आकर्षित थे। लेकिन जैसे ही ग्रामीणों ने घटना खबर सुनी तो तीनों गांवों के घरों चूल्हें तक नहीं जले तथा मालनू चिमनपुरा व लुंदारा गांव के विद्यालय में ग्रामीणों ने पहुंच दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी। ज्ञात रहे कि कमलेश प्रसाद मीणा मालनू गांव में 22 साल व 4 साल तक सेवाएं देने से स्थानीय लोगों का जुड़ाव हुआ। मालनू सरपंच रमेश मीणा ने बताया कि गांव में जहां भी संकट आया वहा सबसे पहले शरीक होकर निर्भय होकर आगे रहते थे। मालनू में प्रत्येक घर सुख दुख में जाना व मीणा समाज के बच्चों को शिक्षा से जोडऩे हेतु अथक प्रयास करते रहें।वें अवकाश कालीन भी नि:शुल्क शिक्षण करवाते थे। ऐसे में वें मालनू को अपनी मातृ भूमि ही समझते थे। उनका हमेशा आराध्य देव श्री गौतम ऋषि महादेव के दरबार में माह में 2 बार दर्शन करने जाते रहत थे।
-सेवानिवृत्त कार्यक्रम का सपना अधूरा रह गया
उनका सपना था कि वें सेवानिवृत्त समारोह का कार्यक्रम बाबा के दरबार में आयोजित कर मीणा समाज से आर्शीवाद लेकर जाऊंगा।ग्राम के शिक्षित युवाओं को रोजगार से जोडऩे व सहयोग करना। ऐसे कई सपने संजोए रखें थे। लेकिन सडक़ हादसे में दुर्घटना होने पर मीणा के सपने रहे अधूरें।
-मीणा समाज में बना रखी थी छवीं
स्वर्गीय कमलेश प्रसाद मीणा ने तीनों गांवों में अपने ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक सरोकार से भी जुड़े रहते थे।वें हमेशा मीणा समाज के सामाजिक, धार्मिक, आध्यत्मिक, मांगलिक कार्यक्रमों में प्रगाढ़ जुड़ाव होने समाज के लोगों में अच्छी छवीं थी। मीणा समाज के प्रत्येक कार्यक्रम में शरीक होकर तन मन धन से कर्तव्य निष्ठा से कार्य करते रहते थे। इधर ग्राम पंचायत मालनू के सभाभवन में सरपंच रमेश मीणा ने शौक सभा का आयोजन। जिसमें गांव के लोग शामिल हुए और दी श्रद्धांजली।
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