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अखण्ड पाठ का भोग, उत्सव विश्राम व पल्लव प्रार्थना का भी होगा आयोजन
भीलवाड़ा। हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में गुरूजनो के वार्षिक उत्सव की श्रृखंला में गुरूवार 25 जून गुरूवार को बाबा गंगाराम साहबजी की 24वीं वरसी मनाई जायेगी। जिसमें अन्तर्गत नितनेम अलावा संतो महापुरूषो के सत्संग प्रवचन होगें। श्रीश्रीचन्द्र सिद्धान्त सागर ग्रन्थ एवं श्री रामायण ग्रन्थ के अखण्ड पाठ साहब का भोग पड़ेगा। सांयकाल में नितनेम, सत्संग प्रवचन पश्चात् उत्सव विश्राम व पल्लव प्रार्थना होगी।
इससे पूर्व आज बुधवार को सम्पन्न हुए सत्संग प्रवचन में वार्षिक उत्सव के तीसरे दिन बुधवार को महंत स्वरूपदास ने ’’सवेरे उथी राम रिझाये बंदा पहिंजे प्रीतम के परचाये बंदा’’, महंत हनुमानराम एवं स्वामी मोहनदास चंदन ने ’’नैया बनकर गोविन्द तुमने मुझे मिलाया’’ भजन प्रस्तुत किए। महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने प्रवचनो में सतगुरूओं के चरणो की आशीष के बारे में व्याख्या की एवं कहा कि यदि शीश झुका हुआ रहता है तो परम पद की प्राप्ति सम्भव है। उन्होंने सतगुरूओं का गुणगान करते हुए भजन ’’अमृत वेला नित दर्शन करना हऊं बलिहारी सतगुरू चरणा’’ प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी से धर्म एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को कहा। इससे पूर्व बाबाजी की समाधियों, दरबार साहब, आसण साहब, धूणा साहब, हरि सिद्धेश्वर मंदिर पर सभी ने पूजन अर्चन कर शीश निवाया। सांयकाल में नितनेम, हनुमान चालीसा का पाठ होकर संतो महात्माओं के प्रवचन सत्संग हुए। सिद्धो की समाधियों पर श्रद्धालुओं ने मन्नत पूरी होने पर चादरें चढ़ाई एवं प्रसाद वितरण हुआ।