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चित्तौड़गढ़। समाज मे मृत्युभोज एक गंभीर सामाजिक कुरीति है जो कि समाज के सामने विशाल चुनौती है इस कुरूति से ऊपर उठकर समाज को आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से मजबूत बनाया जा सकता है।जानकारी देते हुए चंदरवंशी कहार भोई समाज के पंचों ने बताया कि जिले के गाँव घोसुंङा मे तेजाजी महाराज मंदिर परिसर मे अमावस्या को सभी पंचो की बैठक हुई।जिसमे सभी पंचो की सर्वसहमति समाज मे मृत्युभोज बंद करने का निर्णय लिया गया जिसके अन्तर्गत बाहरवा,पीहर गोरणी व पर पूर्णत पाबंदी लगा दी गई और शोक संदेश के कार्ङ भी नही छपवाने का निर्णय लिया गया तथा समाज के पंचो ने यही मृत्युभोज के खर्चे को बच्चो की शिक्षा पर खर्च करने को बताया गया और समाज के शिक्षा पर जोर दिया गया।तथा बताया कि समाज शिक्षा से परिपूर्ण होकर शिक्षित बनेगा तो वह आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से स्वतः ही मजबूत व विकासशील बन जायेगा।तथा समाज का सर्वांगीण विकास होगा।