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तखतगढ (पाली )। जिला सेवादार सोहन पंवार ने बताया कि पाली के पुराना हाउसिंग बोर्ड में कबीर गुरू वाणी से बिना किसी दिखावे के रमैणी (विवाह) संपन्न करवाया गया। विवाह बिना दहेज, बिना फिज़ूलखर्ची, बिना शोर-शराबे और बिना दिखावे के बिल्कुल सादगी पूर्वक सम्पन्न हुआ। कबीरपंथी संत रामपालजी महाराज के अनुयायियों ने अपने बच्चों की शादी गुरू परम्परा के अनुसार बहुत ही सादगीपूर्ण रूप से कराई। इस मौके पर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सरकार के नियमों का पालन करते हुए मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग के साथ पाली जिले की सुमेरपुर तहसील के लापोद गाँव के दिनेश कुमार की पुत्री पूनम का विवाह भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ तहसील के सरथला गाँव के रामपालजी के पुत्र सांवरमल के साथ सम्पन्न हई। दोनो पक्ष से केवल 20 लोग ही इसमें शामिल हुये। मास्क व सोशल डिस्टेसिंग के साथ विवाह हुआ। मेहमानो को सिर्फ चाय-बिस्कीट का नाश्ता दिया गया। इस शादी में दुल्हन के हाथों में न कोई मेंहदी लगी थी और न कोई श्रृंगार कर रखा था तथा दुल्हा भी साधारण कपड़ो मे बिना सेहरे के था। दोनों परिवारों ने फिज़ूलखर्ची को रोकने, दिखावे को बन्द करने और लोगो को जागरुक करने के लिए इस प्रकार का निर्णय लिया। जिला सेवादार सोहन पंवार ने बताया कि इस प्रकार की सेकड़ो शादिया पूरे भारत मे हो चुकी है और पाली शहर मे यह इस वर्ष की 6 वी शादी है। इस प्रकार की शादी मे किसी का भी एक रुपया भी खर्च नही होता है। कबीर गुरुवाणी के द्वारा ऐसी शादी मे 17 मिनट मे दुल्हा दुल्हन के हाथो मे रक्षा सूत्र बांधकर सादगी पूर्वक विवाह करवाकर दुल्हन को विदा किया जाता है। कबीर पंथी संत रामपालजी महाराज के ज्ञान से प्रभावित होकर हजारो लोग इस तरह की शादियां कर फिजूलखर्ची पर लगाम लगा चुके है और सभी तरह की सामाजिक कुरीतियों जैसे मृत्यु भोज, नशाखोरी, रिश्वतखोरी, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, जाति प्रथा आदि से दूर हो चुके है। ऐसे विवाह के माध्यम से दहेज व नशा मुक्त भारत बनाने के लिए पूरे देश मे जागरूकता लाई जा रही है। इस शादी मे मोहनदास, रामकरण, श्रवंण, रेखा, हीना, अंकित, पवन कुमार आदि उपस्थित थे।