views
अफीम का परीक्षण तोल केंद्र पर ही हो, उसे ही अंतिम परिणाम माना जाए
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भारतीय किसान संघ की अफीम संघर्ष समिति के तत्वाधान में मंगलवार को मध्यप्रदेश और राजस्थान का 7 सदस्य प्रतिनिधि मंडल अफीम किसानों की मांगों को लेकर 1 वर्ष में दूसरी बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर किसानों के हित में बड़े फैसले लेने की बात की सामने आई है। अफीम संघर्ष समिति के सदस्य गीतालाल धाकड़ बांगेड़ा ने बताया कि अफीम नीति 2022-23 के संबंध में किसानों के विभिन्न समस्याओं के स्थाई समाधान को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से दिल्ली में महत्वपूर्ण वार्ता की,वार्ता में कहा कि वर्ष 21-22 में लागू सीपीएस पद्धति किसान हित में नहीं है, गत वर्ष सीपीएस पद्धति में जारी किए गए लाइसेंस इस वर्ष नियमानुसार अफीम लुवाई चिराई हेतु जारी किए जाएं। अफीम लाइसेंस विगत वर्षों में मार्फिन के आधार पर ही दिया जा रहा है जो एक अदृश्य तत्व हैं। मार्फिन अफीम के अंदर कितना है यह किसान को और प्रशासन दोनों को ही पता नहीं होता, किसान सिर्फ औसत दे सकता है इसलिए औसत अथवा न्यूनतम मार्फिन 3.2 व 42 औसत को आधार मानकर फसल वर्ष 2022 - 23 में लाइसेंस जारी करने की मांग की है,अभी तक के वर्षों में कटे हुए अथवा रुके हुए सभी लाइसेंस जीरो औसत पर बहाल किए जाएं,अफीम फसल मौसम आधारित हैं शीतलहर, पाला पड़ने, तेज हवाएं चलने से फसल जमीन पर गिर जाने अथवा पानी की कमी हो जाने से किसान अपनी फसल की औसत व मारफिन पूरा नहीं कर पाता है इसलिए सरकार को उसके 3 वर्ष के दीए औसत मार्फिन आकलन को मानकर लाइसेंस दिया जाए अफीम लाइसेंस धारक किसान के मृत्यु के बाद बहुत से वारिश किसानों के विवाद के कारण पट्टे रुके हैं,वारिस किसानों के पट्टे उनके परिवार के बहुमत के आधार पर जारी किए जाएं,अफीम का परीक्षण तोल केंद्र पर ही हो उसे ही अंतिम परिणाम माना जाए,समर्थन मूल्य की तर्ज पर अफीम का खरीद मूल्य बढ़ाकर अधिकतम 7000 प्रति किलो किया जाए,एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29 को खत्म किया जाए इसमें किसानों को झूठा फंसाया जाता है अफीम नीति हर वर्ष के बजाय 5 वर्ष के लिए जारी हो,डोडा चुरा एनडीपीएस एक्ट में है जबकि डोडा में 0.2 प्रतिशत नशा होता है जो किसी भी लेबोरेटरी में प्रदर्शित नहीं होता है इसलिए इसे हर हाल में एनडीपीएस एक्ट से हटाकर स्टेट आबकारी अधिनियम में रखा जाए,किसानों को भ्रष्टाचार के चंगुल से बाहर निकालने की पूरी तैयारी की जाए सहित किसानों की कई महत्वपूर्ण मांगो को लेकर वार्ता हुई। इस दौरान अफीम संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल के रूप में भारतीय किसान संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवराज पुरी बूंदी,संघर्ष समिति के प्रांत अध्यक्ष बद्रीलाल तेली भीलवाड़ा, प्रांत मंत्री गोपाल लाल खटवड़ प्रतापगढ़, नीमच जिला अध्यक्ष सुरेशचंद्र धाकड़,रामगोपाल धाकड़ नीमच,लादू लाल जाट भीलवाड़ा,गीता लाल धाकड़ चित्तौड़गढ़ एवं घनश्याम धाकड़ दिल्ली मौजूद थे।
वित्त मंत्री के साथ वार्ता में यह रहा निष्कर्ष
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसी वर्ष लगभग 60 प्रतिशत तक रकबा बढ़ाने की योजना है यही नहीं किसानों की पीड़ा पिछले दिनों भारतीय किसान संघ अफीम संघर्ष समिति के द्वारा अफीम उत्पादन करने वाले देश की अधिकांश तहसीलों से लिखित में हमारे पास पहुंची है, आने वाले 3 वर्षों में पुराने कटे हुए सभी प्रकार के अफीम लाइसेंस जारी करने की योजना बनाई जा रही है उन्होंने यह भी माना की 8/29 धारा का परीक्षण कर इसे हटाया जाएगा,उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा की जिन अफीम लाइसेंस धारियों की मृत्यु होने के बाद वारिसों को लाइसेंस जारी नहीं हुए हैं तत्काल प्रभाव से विभाग को सूचना देकर आने वाले 10-15 दिनों में ही जिला अफीम अधिकारी के स्तर पर इसका निस्तारण कर पट्टे जारी करने पर भी सहमति बनी है।