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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के डूंगला थाना इलाके में आने वाले भाणपा आंतरिया गांव के तलाब में डूबे युवक का शव गुरुवार की दूसरे दिन बाहर निकाला गया। चित्तौड़गढ़ से सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची और अथक प्रयास के बाद शव को गुरुवार को बाहर निकाला। यह युवक जंगल में बकरियां चराते समय बुधवार को डूब गया था। बताया गया है कि बकरियों को पानी से बचाते हुए पैर फिसला और वो तालाब में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। जानकारी में सामने आया कि डूंगला थाना इलाके में आने वाले भाणपा आंतरिया गांव निवासी नारायण (40) पुत्र देवा रावत तालाब में डूब गया था। बकरियां चरा रहे अन्य लोगों ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी तो पुलिस को बुलाया गया। बाद में जिला मुख्यालय से सिविल डिफेंस की टीम बुधवार शाम को ही मौके पर पहुंची और तलाश शुरू कर दी। बाद में अंधेरा होने पर अभियान रोक दिया गया। बाद में गुरुवार सुबह पुनः अभियान शुरू किया गया। सिविल डिफेंस के कैलाश वैष्णव ने बताया कि सूचना मिलते ही चित्तौड़गढ़ से टीम डूंगला पहुंची और युवक की तलाश शुरू की। शुरू में ग्रामीणों ने गलत लोकेशन बता दिया था, जिसके कारण रात को युवक का शव नहीं मिला। सुबह फिर से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। अभियान शुरू करने के एक घंटे बाद ही युवक का शव मिल गया। सिविल डिफेंस की टीम में नारायण भोई, रामलाल भोई, रतनलाल भोई, भेरूलाल भोई, हेमंत भोई, रतनलाल पुत्र गोपीलाल, रतनलाल पुत्र मदनलाल, अर्जुन लखारा, बालकनाथ योगी, जगदीश भोई, रतनलाल भोई भी शामिल थे। शव का डूंगला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा दिया। पुलिस थाने में नारायण के भाई ने रिपोर्ट दी कि नारायण बुधवार दोपहर को बकरियां चराने के लिए एनीकेट के किनारे गया था। बकरियां अचानक पानी की तरफ चली गई। बकरियों को बचाने के लिए पीछे-पीछे नारायण भी एनीकट की तरफ गया और पांव फिसलने से पानी में जा गिरा। जिस समय यह हादसा हुआ उस समय मौके पर कुछ छोटे बच्चे भी बकरियां चरा रहे थे। नारायण को डूबते हुए देखा तो तुरंत गांव पहुंच जानकारी दी।