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कुंभामहल में होगा पूजा का कार्यक्रम, सांसद सीपी जोशी के प्रयास लाए रंग
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के रावतभाटा क्षेत्र में स्थित बाड़ोली मंदिर से चुराई नटराज की नृत्य करती प्रतिमा करीब 25 साल बाद चित्तौड़गढ़ पहुंचेगी। चोरों ने इस प्रतिमा को चूरा कर देश के बाहर बेच दिया था, जो को बाद में लंदन के म्यूजियम में मिली थी। केंद्र सरकार के प्रयासों से इस प्रतिमा को भारत लाया गया है। दो साल की कानूनी पेचीदगियों से निकलने के बाद रविवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल इस मूर्ति को लेकर आएंगे, जहां कुंभामहल में पूजा का कार्यक्रम होगा। सांसद सीपी जोशी ने शुक्रवार शाम कुंभामहल का अवलोकन कर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया है।यह प्रतिमा 9वी से 10वी शताब्दी की एक दुर्लभ नटराज की प्रतिमा है।
जानकारी में सामने आया कि जिले के बाड़ौली मंदिर समूह के मुख्य मंदिर घटेश्वर महादेव के पार्श्व भाग में यह प्रतिमा स्थापित थी। इसे वर्ष 1998 में चोरों ने चोरी कर ली। इसके बाद तस्करों ने इसे लंदन में बेच दी थी। यह मूर्ति 2020 में भारत लाई गई थी। कानूनी कार्रवाई के चलते चित्तौड़गढ़ नहीं पहुंची थी। सांसद सीपी जोशी लम्बे समय से प्रतिमा को भारत लाने और बाद में फिर से चित्तौड़गढ़ लाने के लिए प्रयासरत थे। सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद प्रतिमा को चित्तौड़गढ़ लाया जा रहा है। इसके लिए 15 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल चित्तौड़गढ़ आएंगे और स्थानीय पुरातत्व विभाग को यह मूर्ति सौंपेंगे।
बाड़ौली मंदिर में की है म्यूजियम की मांग, तब तक मूर्ति चित्तौड़ ही
मूर्ति को लेकर सांसद सीपी जोशी ने बताया कि यह मूर्ति पूजा कार्यक्रम के बाद चित्तौड़गढ़ में ही रहेगी। बाड़ौली मंदिर में भी म्यूजियम की मांग की गई है। इससे कि वहां पर भी पूरा संपदा और दुर्लभ प्रतिमाओं को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने बताया कि नटराज की यह दुर्लभ और प्राचीन मूर्ति होने के कारण भारत सरकार अपनी प्राचीन विरासत को संग्रहित करने के लिए इसे भारत को लौटाने में सफल रही। वर्ष 2020 में यह भारत लौट आई। लेकिन कुछ कानूनी प्रक्रिया के कारण दो साल तक यह मूर्ति चित्तौड़गढ़ नहीं पहुंची। लेकिन आग्रह के बाद कानूनी औपचारिकता पूरी की गई। अब रविवार को भारत सरकार के संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल प्रतिमा को लेकर आएंगे। सांसद जोशी ने बताया कि बाड़ौली मंदिर में म्यूजियम बनाने की मांग भी केन्द्रीय मंत्री से की है, जिससे यह नटराजन की मूर्ति वहां स्थापित कर सके और म्यूजियम होने से यह मूर्ति वहां सुरक्षित रह पायेगी।
डाल गए थे नकली मूर्ति, फोटो से खुला था राज
जानकारी में सामने आया कि प्राचीन ऐतिहासिक बाड़ौली शिव मंदिर से वर्ष 1998 के फरवरी माह में दुर्लभ नटराज की मूर्ति चोरी हो गई थी। यह मूर्ति बाड़ौली मंदिर समूह के मुख्य मंदिर घटेश्वर महादेव के पार्श्व भाग में लगी हुई थी। इसका मामला बढ़ा तो तस्कर हुबहू दिखने वाली मूर्ति वारदात के करीब आठ माह बाद जंगल में डाल गए थे। वहीं विभाग भी इसे असली मूर्ति समझ कर गोदाम में रखवा दी थी। इसी साल दिसंबर माह में ऑपरेशन ब्लैक होल के दौरान जयपुर के वामन नारायण घीया गिरोह पकड़ा गया था। उस गिरोह के एक तस्कर के पास नटराज की मूर्ति की तस्वीर मिली थी। पूछताछ में उसने स्वीकार किया था कि यह मूर्ति चोरी कर लंदन के किसी निजी म्यूजियम में बेच दी थी और वहीं पर रखी हुई है। उसके बदले में उन्होंने नकली मूर्ति रख दी थी।
कड़ी सुरक्षा के बीच होती थी घीया की पेशी
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिले से बेशकीमती मूर्ति चोरी होने का आरोप वामन नारायण घीया पर लगा था। बाद में इसका मामला चित्तौड़गढ़ न्यायालय में चला था। पेशी पर कई बार वामन नारायण घीया को कड़ी सुरक्षा के बीच चित्तौड़गढ़ न्यायालय में लाया जाता था।
सांसद जोशी ने कुंभामहल में लिया तैयारियों का जायजा
केंद्रीय मंत्री रविवार को इस प्रतिमा को लेकर चित्तौड़गढ़ आएंगे, जहां कुंभामहल में पूजा का कार्यक्रम होगा। ऐसे में सांसद सीपी जोशी ने शुक्रवार शाम को कुंभामहल का अवलोकन कर तैयारियों का जायजा लिया। पुरातत्व विभाग के अधिकारी प्रेमचंद शर्मा से जानकारी ली और कार्यक्रम तय किया। इस दौरान पूर्व उप जिला प्रमुख मिठूलाल जाट, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष हर्षवर्धनसिंह, सुधीर जैन, मनोज पारिक, राजन माली, मनीष वैष्णव, पंडित अरविंद भट्ट आदि मौजूद थे। इस दौरान आरटीडीस पन्ना के मैनेजर रविंद्र चतुर्वेदी ने भी सांसद सीपी जोशी से चर्चा की।