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सीधा सवाल। चितौड़गढ़। एनडीपीएस कोर्ट में लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। गवाहों के नहीं आने के कारण प्रकरण ज्यादा लंबे चल रहे हैं। गंभीर मामलों में आरोपी भी बरी हो रहे है। गवाहों के नहीं आने में कहीं ना नहीं जिम्मेदार लोगों की कमी देखने को सामने आ रही है। एक मामले में एनडीपीएस कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुवे विशेष लोक अभियोजक एनडीपीएस प्रकरण संख्या-2 चित्तौड़गढ़ रमेशचंद्र दशोरा ने प्रदेश के गृह सचिव सहित पुलिस के अधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि विलंब से न्याय में देरी हो रही है। आधे से ज्यादा समय तक गवाह नहीं आ रहे है, जिससे गंभीर मामलों में भी आरोपी बरी हो रहे है। साथ ही पत्र में न्यायालय के एक प्रकरण का उल्लेख कर के भी बताया कि गवाहों को पेश करना पुलिस की जिम्मेदारी है।
विशेष लोक अभियोजक एनडीपीएस कोर्ट प्रकरण क्रमांक 2 चितौड़गढ़ रमेशचंद्र दशोरा ने एक पत्र गृह सचिव, महानिदेशक पुलिस और महानिरीक्षक पुलिस को लिखा है। इसमें बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में एनडीपीएस एक्ट के मामले बढ़ रहे है। यहां दो कोर्ट है जिसमें से प्रथम ट्रायल कोर्ट है। इसमें मामले दाखिल होते है, जिसमें प्रारंभिक ट्रायल होती है और बाद में मामले एनडीपीएस कोर्ट द्वितीय में ट्रांसफर होते है। ऐसे में यहां दस साल पुराने तक मामले लंबित है। दशोरा ने बताया कि एनडीपीएस के मामले में थाने के हायर ऑफिसर (एसएचओ) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसका साल भर में स्थानांतरण हो जाता है। बाद में कोर्ट में ट्रायल होता है तो एसएचओ पेशी पर नहीं आ पाते। नोटिस तामील होने के बाद भी संबंधित एसपी से अनुमति नहीं मिलती और तीन-चार पेशी निकल जाती है। उन्होंने बताया कि एनडीपीएस के मामलों में गवाह कोर्ट में नहीं आ रहे है। कोर्ट में केस ऑफिस भी नहीं आ रहे, जिनकी जिम्मेदारी होती है। एसएचओ के वारंट बिना तामिल के रह जाते हैं। यह स्थिति पूरे प्रदेश में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि दस-दस साल से मामले चल रहे है गवाह उपस्थित नहीं हो रहे है। वारंट तामिल का काम नहीं हो रहा है। पुलिसकर्मी सम्मन लेकर नहीं जा रहे और वारंट पर लिख देते है कि आदमी नहीं मिला।
सम्मन ही हो रहे गायब
गृह सचिव को लिखे पत्र में दशोरा ने बताया कि केस ऑफिसर कोर्ट में नहीं आते। गवाहों को बुलाने का प्रयास नहीं करते। कोर्ट के जो सम्मन निकल रहे हैं, वह लौट कर नहीं आ रहे। सम्मन ही गायब हो रहे हैं।
अदालत ने लिया गंभीरता से
गृह सचिव को लिखे पत्र में वर्ष 2017 के प्रकरण राज्य सरकार बनाम जसविंदरसिंह केस का हवाला दिया है। इस मामले में जो वारंट जारी किए वो लौट के नहीं आए। इसे अदालत ने गंभीरता से लेते हुवे आदेश दिया और इसे सभी फाइल में लगाया।
अभियान पक्ष पेश करे गवाह नहीं तो मुलजिम छूटेंगे
विशेष लोक अभियोजक दशोरा ने आदेश का हवाला देते हुवे बताया कि न्यायालय गवाह नहीं बुलाएगा। अभियोजन पक्ष गवाह को पेश करेंगे।ये भी गवाह को पेश नहीं करेंगे तो मुलजिम छूट जाएंगे। गंभीर प्रकृति के मामले है, जिनके साक्ष्य के अभाव में आरोपी बरी होंगे, जिसके लिए पुलिस अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
केस बनाने के बाद कोई रुचि नहीं लेता
पत्र में बताया गया है कि एनडीपीएस का केस बनाने के बाद कोई रुचि नहीं लेता है। ऐसे में पूर्व में पुलिस अधीक्षक को भी अवगत कराया था लेकिन इन समस्याओं के प्रति कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में गृह सचिव को पत्र लिख कर ध्यान आकर्षण किया है।
एनडीपीएस 2 कोर्ट के 630 प्रकरण विचाराधीन
विशेष लोक अभियोजक रमेशचंद्र दशोरा ने बताया कि न्यायालय में गवाहों के नहीं आने के कारण विचाराधीन मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एनडीपीएस कोर्ट 2 चित्तौड़गढ़ में करीब 630 मामले विचाराधीन हो गए है। इससे जेलों में भी बंदियों की संख्या बढ़ रही है।