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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। मादक पदार्थ तस्करी के मामले में जिला जेल में बंद चल रहा बंदी पुत्र के विवाह के जाने के लिए पैरोल पर रिहा हुआ लेकिन तय समय पर पुनः नहीं लौटा। इस पर जेल प्रशासन ने कोतवाली पुलिस थाने में एक प्रकरण दर्ज कराया है।
जानकारी में सामने आया कि जेल उप अधीक्षक चित्तौड़गढ़ योगेंद्र तेजी के आदेश पर जेल प्रहरी प्रतापगढ़ निवासी प्रदीप लक्षकार ने रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज करवाई है। इसमें बताया कि थाना शंभूपुरा में जनवरी 2019 में एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के मामले में चित्तौड़गढ़ जिले में विजयपुर थाना क्षेत्र के उदपुरा निवासी रतनलाल पुत्र नन्दराम को गिरफ्तार किया, जो कि न्यायालय के आदेश पर जेल में है। उसने जनवरी ने 2023 में एनडीपीएस कोर्ट संख्या - 2 में अंतरिम जमानत को लेकर आवेदन किया था। इसने अपने पुत्र की शादी के लिए उदपुरा गांव जाना था। इसके लिए उसने पैरोल मांगी थी। बेटे की शादी होने के बाद भी उसने अपनी पैरोल की तिथि आगे बढ़ गई। एक महीना बीत जाने के बाद भी कैदी दुबारा नहीं लौटा। बंदी को 3 फरवरी 2023 से 17 फरवरी 2023 तक पैरोल पर छोड़ने का आदेश कोर्ट से मिला। बंदी को 15 दिनों के लिए अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया। उसके बाद बंदी ने अपनी अंतरिम जमानत की तिथि बढ़ाने की एक अपील की। कोर्ट ने पैरोल की तिथि बढ़ा कर 4 मार्च कर दी। साथ ही उसे पाबंद किया था कि उसे 4 मार्च के सुबह 10 बजे से पहले जेल पहुंचना था। लेकिन बंदी 10 बजे तक जेल नहीं पहुंचा। इस पर जेल प्रशासन ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया।
हथियार और मादक पदार्थ आपूर्ति का है आरोप
जानकारी में सामने आया कि शंभूपुरा थाना पुलिस ने नवंबर 2018 में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर डोडा चूरा और अवैध हथियार बरामद किए थे। दोनों आरोपियों ने रतनलाल से डोडा चूरा लेना बताया था। इसके बाद पुलिस ने रतनलाल को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया था।