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2009 में शुरू किया था सेंती में कार्यालय - तब से ही राजनीति के क्षेत्र में बढ़े आगे
अखिल तिवारी
सीधा सवाल। चितौड़गढ़। किसी ने यह भी नहीं सोचा था कि राष्ट्रीय दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर चित्तौड़गढ़ से भी चेहरा मिल सकेगा। इससे भी बड़ी बात यह रही कि बहुत ही कम समय व उम्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी के हाथों में पहुंची है। चित्तौड़गढ़ की भदेसर पंचायत समिति के उप प्रधान से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तक के सफर में सांसद सीपी जोशी के लिए सेंती में शुरू किया कार्यालय लक्की साबित हुआ है। इस कार्यालय में बैठक शुरू होने के बाद सांसद जोशी ने राजनीतिक सफर में उत्तरोत्तर प्रगति की। बहुत ही कम समय में जोशी संसद और अब जयपुर में सरदार पटेल मार्ग स्थित कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर पहुंचे हैं। पूरे प्रदेश तथा देश में इन दिनों चित्तौड़गढ़ जिला चर्चा में है। चित्तौड़गढ़ सांसद तथा जिले के भादसोड़ा निवासी सीपी (चंद्रप्रकाश) जोशी को केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा राजस्थान की कमान सौंप आगामी विधानसभा चुनाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। जोशी का प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचने का सफर है बहुत ही कम समय में पूरा हुआ। राजनीति के बहुत ही कम समय में उन्होंने बहुत ही ऊंचा पायदान छू लिया है और प्रदेश कार्यालय में कमान संभाली। लेकिन जोशी के लिए चित्तौड़गढ़ में अपने कार्यालय की सीट लक्की साबित हुई है। वर्ष 2009 में उन्होंने चित्तौड़गढ़ शहर में उदयपुर मार्ग स्थित सेंती स्थित कार्यालय अपने सहयोगी के साथ शुरू किया था। इसके बाद से ही जोशी लगातार आगे बढ़े। पहले जिलाध्यक्ष फिर सांसद बनने के बाद कई राजनीतिक पदों पर रहे। अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा को एक बड़ी आस सांसद सीपी जोशी से है। अब वे भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठ पूरे प्रदेश का दौरा कर पार्टी को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य करेंगे। भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठने के साथ ही जोशी कहीं ना कहीं चित्तौड़गढ़ के सेंती में स्थित कार्यालय को भी बहुत याद करेंगे, जहां उन्होंने राजनीति की शुरुआत के साथ ही पार्टी की कई बैठक ली। कई राजनीतिक चर्चाएं और निर्णय इस कार्यलय में बैठ कर पार्टी पदाधिकारियों के साथ किए।
यूं शुरू हुआ सेंती कार्यालय, एक साल में बनें जिलाध्यक्ष
प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी 2009 से पहले भदेसर उपप्रधान थे तथा व्यवसाय की भी शुरुआत की थी। सहयोगी विनोद चपलोत के साथ वर्ष 2009 में सेंती में उदयपुर मुख्य मार्ग पर किराए के भवन में यह कार्यालय शुरू किया। वर्ष 2009 में यहां बैठक शुरू होने के साथ ही उनकी सफलता के रास्ते भी खुले। सांसद जोशी के सहयोगी विनोद चपलोत ने बताया कि यहां कार्यालय शुरू होने के एक साल में ही वर्ष 2010 में जोशी भाजपा के जिलाध्यक्ष बन गए।
विधानसभा की सभी 5 सीटें जीती, अन्य चुनाव में भी मिली सफलता
जोशी का 4 साल का जिलाध्यक्ष कार्यकाल सफलता भरा रहा। सेंती कार्यालय में उन्होंने पार्टी की कई बैठकें ली। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जोशी के जिलाध्यक्ष रहते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जिले की सभी 5 सीटें जीती। पंचायत राज व नगर निकायों में भी सफलता हासिल की, जो लोकसभा का टिकट में सहायक सिद्ध हुई।
सांसद का चुनाव जीते तब भी यही था कार्यालय
जानकारी में सामने आया कि वर्ष 2014 में चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से भाजपा ने सीपी जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया। वे रिकॉर्ड मतों से इस सीट पर विजयी हुए। इस दौरान कार्यालय यही था। यहीं से चुनाव का प्रबंधन हुआ। सांसद बनने के बाद कलक्ट्रेट परिसर में सांसद कार्यालय शुरू हुआ लेकिन तब भी सेंती कार्यालय में जोशी की बैठक रही। 2019 में भाजपा ने फिर जोशी को टिकट दिया और वे 5.76 लाख मतों से विजय रहे। साथ ही सीपी जोशी प्रदेश व केंद्र में कई राजनीतिक पदों तक पहुंचे। कई कमेटियों के सदस्य रहे हैं। सतीश पूनिया भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तो भी जोशी प्रदेश उपाध्यक्ष बने और कोर कमेटी के सदस्य रहे।
अब भी सेंती ऑफिस में बैठक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले तक सीपी जोशी की स्थिति कार्यालय में बैठक रही है। कई बार वे सेंती कार्यालय में रुक कर कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। कलक्ट्रट परिसर में अलग से कार्यालय होने के बावजूद सेंती कार्यालय का मोह कभी कम नहीं हुआ।
14 साल में उप प्रधान से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर
जानकारी में सामने आया कि 2009-10 में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भदेसर उप प्रधान थे। इसके 14 साल में ही वे प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच गए। इस गति से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने का प्रदेश में और कोई दूसरा मामला सामने नहीं आता। इतना ही नहीं जब वर्ष 2009 में जोशी उप प्रधान थे और 2014 में सांसद बन गए। 5 साल में ही उपप्रधान से सांसद बनने के भी मामले सामने नहीं आए। कहीं का कहीं यह कहा जा सकता है कि सांसद सीपी जोशी के लिए सेंती कार्यालय शुरू करने के बाद राजनीति में सितारे बुलंदी पर पहुंचे।