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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। कॉलेज छात्रा के साथ चार साल पूर्व हुवे सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-1 चित्तौड़गढ़ ने दोनों अभियुक्त को दोषी मानते हुवे 20 साल का कठोर कारावास सुनाया है। इनमें से एक अभियुक्त वारदात के दौरान नाबालिग था। पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-1 के विशेष लोक अभियोजक शोभालाल जाट ने बताया कि जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में रहने वाले एक प्रार्थी ने 18 अगस्त 2019 को एक रिपोर्ट सदर थाना चितौड़गढ़ में दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थी की नाबालिग पुत्री बीए प्रथम वर्ष की छात्रा होकर चित्तौड़गढ़ के प्रतापनगर में किराए के मकान में रहती है। 17 अगस्त 2019 को प्रार्थिया की पुत्री के मकान मालिक ने फोन किया था। उसने बताया कि प्रार्थिया की पुत्री के रक्त स्राव ज्यादा हो रहा है। इस पर प्रार्थी अपने भाई और बड़ी पुत्री को लेकर चित्तौड़गढ़ आया। यहां पुत्री को एक निजी चिकित्सक को दिखाया, जिन्होंने उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। यहां उपचार के दौरान प्रार्थी को पुत्री ने बताया कि कैलाश जाट उसे नोट्स के लिए परेशान करता था। इस पर एक अन्य नाबालिग मिला, जिसने कहा कि उसके कमरे पर आ जाए। वह कैलाश को बुला कर दोनों के बीच में समझाईश करवा देगा। इस पर प्रार्थी की पुत्री विश्वास में आ गई और नाबालिक के साथ में उसकी बाइक पर बैठ कर अभियुक्त के कमरे पर चली गई। यहां पर थोड़ी देर बाद कैलाश भी आ गया। यहां दोनों अभियुक्त ने कमरा अंदर से बंद कर दिया। यहां कैलाश और नाबालिग ने प्रार्थी की पुत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। प्रार्थी की इस रिपोर्ट पर चित्तौड़गढ़ शहर के सदर थाना पुलिस ने दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। अभियुक्त कैलाश जाट को गिरफ्तार कर लिया, जबकि नाबालिक को डिटेन कर लिया। पुलिस ने दोनों ही अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किए। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 18 गवाह और 33 दस्तावेज पेश किए गए। दोनों ही पक्षों की बहस सुनने के बाद पोक्सो कोर्ट चित्तौड़ क्रमांक-1 के न्यायाधीश ने दोनों ही अभियुक्त को दोषी पाया। मामले में अभियुक्त गंगरार थाना क्षेत्र में आने वाले सेमलिया गांव कैलाश पुत्र शंभूलाल जाट तथा नाबालिक को बुधवार को सजा सुनाई। दोनों को भादस की धारा 354 में 3 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार रुपए का जुर्माना तथा धारा 376डी में 20 वर्ष का कठोर कारावास और 25 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया। दोनों ही अभियुक्त को आजीवन कारावास तथा 30000 अर्थदंड सुनाई। प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता गुलशेर अली शेख व यास्मीन शेख ने भी पैरवी की।
एफएसएल रिपोर्ट रही महत्वपूर्ण
विशेष लोक अभियोजक शोभालाल जाट ने बताया कि इस फैसले में एफएसएल रिपोर्ट महत्वपूर्ण रही है। पुलिस की ओर से जो साक्ष्य जुटाए गए थे, उसमें अभियुक्त की एफएसएल रिपोर्ट भी करवाई थी। पीड़िता 164 में बयान के बाद अभियुक्त कैलाश जाट के खिलाफ मुकर गई थी। लेकिन अभियुक्त की एफएसएल रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ऐसे में न्यायालय ने कैलाश जाट को भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई।