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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर के सदर थाना इलाके में आने वाले सैगवा हाउसिंग बोर्ड में एक विवाहिता ने फांसी लगा कर आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया है। महिला ने जब आत्महत्या की तब उसके दोनों बच्चे दूसरे कमरे में और सास-ससुर ग्राउंड फ्लोर के कमरे में सो रहे थे। पति अपनी कंपनी के काम से जयपुर गया हुआ था। महिला के आत्महत्या का कारण उसकी अस्थमा की बीमारी बताई जा रही है। लेकिन पीहर पक्ष की ओर से पति पर मारपीट करने और इलाज ना करवाने का आरोप लगाते हुवे रिपोर्ट दी है। उनका कहना है कि महिला की हत्या कर उसे लटकाया गया है।
सदर थानाधिकारी हरेंद्र सिंह सौदा ने बताया कि वैशाली नगर, हाउसिंग बोर्ड, सेगवा से शुक्रवार को सूचना मिली थी कि यहां रहने वाली पार्वती (35) पत्नी मनोज कुमार लोधी राजपूत ने अपने कमरे में फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। मौके पर जाब्ता पहुंचा और शव को उतार कर मोर्चरी में रखवाया। घटनास्थल पर विवाहिता के दो बच्चे और सास-ससुर थे। पीहर पक्ष को भी सूचना दी गई। शुक्रवार देर शाम को विवाहिता के परिजन झांसी से चित्तौड़गढ़ पहुंचे। अंधेरा हो जाने के कारण शव का पोस्टमार्टम शनिवार को मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया।इसके पिता झांसी निवासी श्यामलाल पुत्र चतुर्भुज राजपूत के कहने पर पति को शव सौंप दिया गया। पुलिस ने बताया कि पार्वती ने गुरुवार रात को अपने मकान की पहली मंजिल के एक कमरे में फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या की। उस समय उसके दोनों बच्चे दूसरे रूम में सो रहे थे। वही, ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे में पार्वती के सास ससुर सो रहे थे। जबकि पति मनोज कुमार अपनी कंपनी के काम से सोमवार को ही जयपुर गया हुआ था। सुबह जब पार्वती को बुलाया गया तो उसकी आवाज नहीं आई। जब अंदर से दरवाजा नहीं खोला गया तो परिवार वालों को शक हुआ। उन्होंने पड़ोसियों को सूचना दी। पड़ोसी भी मौके पर पहुंचे और सदर पुलिस को इनफॉर्म किया। सदर पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खोला तो पाया कि पार्वती फंदे से लटक रही है। मृतका के पति ने बताया कि पार्वती को कई सालों से अस्थमा की बीमारी है। उसकी शादी 2010 में हुई। उसके बाद 2 बच्चों का जन्म भी हुआ। पार्वती लंबे समय से अस्थमा की समस्या से जूझ रही थी, जिससे वह तनाव में भी थी। माना जा रहा है कि यही वजह रही है कि उसने आत्महत्या कर ली। पति मनोज कुमार का कहना है कि जाने से पहले उसकी पत्नी पार्वती ने उसे चाय नाश्ता बना कर दिया था। सब कुछ सामान्य था। उसके बाद वह जयपुर चला गया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दोनों की शादी की सालगिरह थी। इसीलिए उसे 5 मई शाम तक वापस लौटने वाला था और उसके बाद अपने परिवार के साथ सेलिब्रेट करना चाहता था। पार्वती ने भी बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां होने से अपने पीहर जाने की बात कही थी। इस पर मनोज ने कहा था कि 5 मई शाम को सेलिब्रेशन करने के बाद 6 मई को बच्चों के साथ पीहर चले जाना। पार्वती ने इसकी सूचना अपने पिता को भी दी और कहा भी था कि 6 मई को वो उसे लेने के लिए आ जाए। मनोज कुमार का कहना है कि सुबह ही सूचना मिली कि उसने आत्महत्या कर ली तब तक वह अजमेर तक पहुंच चुका था।
पिता ने लगाया मारपीट व हत्या का आरोप
पीहर पक्ष शुक्रवार देर शाम को चित्तौड़गढ़ पहुंचा। बॉडी देखने के बाद पिता श्यामलाल राजपूत ने अपने ही दामाद पर हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने सदर थाना पुलिस को एक रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में यह बताया कि मेरी बेटी बीमार रहती थी और दामाद ने इलाज करवाने से मना कर दिया। उनका कहना है कि बेटी ने फोन करके इस बात की जानकारी भी दी थी। पार्वती के शरीर पर कुछ नील के निशान थे। इस निशान के आधार पर पार्वती के चाचा और अधिवक्ता काशीराम राजपूत ने दामाद पर बेटी के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि पार्वती की हत्या कर उसे लटकाया गया है। वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि शरीर पर यह निशान मारपीट के नहीं बल्कि बीमारी से हुए ब्लड क्लोट के हैं। हालांकि पुलिस ने पिता की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया। शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड द्वारा करवाया गया। पिता श्यामलाल के कहने पर शव पति को ही सौंप दिया।