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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सात माह पूर्व निकुम्भ थाना क्षेत्र के आलाखेड़ी गांव में मकान की छत पर रखी पानी की टंकी में मिली 10 माह की बच्ची की लाश के मामले का खुलासा करते हुए निकुम्भ थाना पुलिस ने बच्ची की दादी सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। महिला ने पौत्र की चाह में अपनी पोती की हत्या कर शव को पानी की टंकी में डाल दिया था। साक्ष्य मिटाने में मदद करने में महिला का भतीजा भी आरोपी निकला। पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि गत वर्ष 29 अक्टूबर को 10 माह की बच्ची मिस्टी को मार कर लाश पानी की टंकी में मिलने से थाना निकुम्भ पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध हत्या में प्रकरण दर्ज किया। थानाधिकारी निकुम्भ यशवंत सिंह ने अनुसन्धान शुरू किया। पुलिस द्वारा घटना के आस पास गोपनीय तैरीके से घटना के सम्बन्ध में मालुमात की जाकर हत्यारो की तलाश की गयी। सोमवार को संदिग्धों से पुलिस पूछताछ के दौरान मृतका मिस्टी की दादी आलाखेड़ी थाना निकुम्भ चितौड़गढ निवासी 60 वर्षीय लीला पत्नि भंवरलाल मेनारिया ने स्वयं के द्वारा लडके की चाहत में अपनी पोती को मार दिया तथा साक्ष्य को नष्ट करने के लिए अपने जेठ के बेटे अर्जुन पुत्र सोहन लाल गोदीपुत्र राधाकिशन मेनारिया को बता साक्ष्य नष्ट करवाये गये। मामले में दोनो आरोपियों लीला मेनारिया व अर्जुन को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में अग्रिम अनुसन्धान जारी है। जानकारी अनुसार बच्ची की दादी व ताऊ ने बच्ची के अपहरण की झूठी अफवाह भी फैला दी, जिससे लोगो का ध्यान उनकी और से हट जाये। हत्या के साक्ष्य मिटाने में शामिल ताऊ ने ही बच्ची की हत्या का मुकदमा थाना निकुम्भ पर दर्ज कराया। मृतका बालिका का पिता दुबई में हलवाई का काम करता था, जिसके तीन पुत्रियां थी।