चित्तौड़गढ़ - बैंक में गिरवी पड़े मकान को 34 लाख में बेच करवा दी रजिस्ट्री, धोखाधड़ी का आरोपी गिरफ्तार
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घर में डेयरी खोलने के लिए बैंक से लिया था ऋण, दो साल बाद ही बेच कर करवा दी रजिस्ट्री
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर की कोतवाली थाना पुलिस ने धोखाधड़ी करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस आरोपी ने वर्ष 2017 में डेयरी खोलने के लिए बैंक से ऋण लिया था। इसके दो वर्ष बाद ही 2019 में इसने अपने मकान को एक रिटायर्ड शिक्षक को मकान के दस्तावेज की फोटो कॉपी के आधार पर रजिस्ट्री करवा कर 34 लाख रुपए में बेच दिया। इस मामले की जानकारी मिली तो प्रार्थी ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया था। पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में जुटी हुई है।
कोतवाली थानाधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि प्रार्थी रिटायर्ड शिक्षक शहर के बापूनगर सेंती निवासी विष्णु शंकर व्यास ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थी ने आरोपी आकोला थाना क्षेत्र के हिंगवानियां हाल कोतवाली थाना इलाके में रहने वाले श्याम सिंह पुत्र जवाहरसिंह से 2019 में मकान खरीदा था। इसके बदले आरोपी को 34 लाख रुपए का भुगतान किया था और मकान की रजिस्ट्री करवाई थी। अब प्रार्थी को पता चला कि इस मकान पर पहले ही आरोपी बैंक से ऋण ले चुका है। इतना ही नहीं बैंक के असल दस्तावेज भी पीएनबी बैंक में गिरवी पड़े हुवे है। आरोपी ने प्रार्थी को धोखे में रख कर मकान की फोटो कॉपी दस्तावेज पर ही रजिस्ट्री करवा कर 34 लाख रुपए हड़प लिए। इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी श्याम सिंह भाटी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। मामले में अनुसंधान कोतवाली थाने के एएसआई अंबालाल गुर्जर को सौंपा गया। अनुसंधान अधिकारी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और इससे प्रकरण के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
डेयरी खोलने के लिए लिया था ऋण
पुलिस अनुसंधान में सामने आया कि आरोपी श्यामसिंह भाटी ने डेयरी खोलने के लिए अपनी पत्नी के नाम से 2017 में 36 लाख रुपए का ऋण लिया था। इस ऋण के पेटे आरोपी ने मकान के असली दस्तावेज बैंक में गिरवी रख दिए थे। वहीं इसके दो वर्ष बाद ही आरोपी ने इसी मकान को प्रार्थी को बेच दिया। ऐसे में आरोपी ने प्रार्थी के साथ ही बैंक के साथ भी धोखाधड़ी की।
दोगुनी हो गई बाकीयात
अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने मकान पर बैंक से 36 लाख रुपए का ऋण लिया था। इसने बाद में किश्तें जमा नहीं करवाई तो पीएनबी की इस पर 60 लाख रूपए की बाकियत निकल गई है। इधर, जानकर सूत्रों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ और भी धोखाधड़ी के मामले सामने आ सकते हैं।