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हेड कांस्टेबल की रही महत्वपूर्ण भूमिका
सीधा सवाल। चितौड़गढ़। पुलिस गिरफ्त से लंबे समय से फरार चल रहे 50 हजार रुपए के ईनामी बदमाश को आखिर गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच जयपुर की टीम को यह सफलता मिली है। इसके ऊपर गत दिनों ही जयपुर मुख्यालय से 50 हजार का ईनाम घोषित किया था। इसके खिलाफ राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज है। इसको गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कभी पुलिस ने सर्वेयर का रूप धर कर रैकी की तो कभी भिखारी बन कर। इस आरोपी की गिरफ्तारी में चित्तौड़गढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल महावीरसिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानकारी में सामने आया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश का मोस्ट वांटेड तस्कर कमल राणा गिरफ्तार हुआ है। इसके ऊपर राजस्थान पुलिस ने 50 हजार का तो एमपी पुलिस ने 20 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। लंबे समय से मोस्ट वांटेड तस्कर कमल राणा तस्करी व अन्य आपराधिक मामलों में फरार चल रहा था। कमल राणा को अन्य चार साथियों के साथ शिरडी से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ माह से जयपुर क्राइम ब्रांच पुलिस कमल राणा को गिरफ्तार करने के लिए पीछे लगी हुई थी। इसकी गिरफ्तारी को लेकर दिनेश एमएन अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध शाखा, राजस्थान, जयपुर के निर्देशन में यह कार्यवाही की गई। कुख्यात वांछित अपराधी कमल राणा को अपराध शाखा की टीम ने शिरड़ी में गिरफ्तार किया। कमल राणा पर हत्या, लूट, डकैती, अपहरण एवं मादक पदार्थों की तस्करी के 40 प्रकरण दर्ज हैं।
इनकी हुई गिरफ्तारी
कमल राणा और इसके गिरोह के सदस्यों को क्राइम ब्रांच ने शिरडी से गिरफ्तार किया, जिसमें स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया। यहां से टीम ने पकड़े कमल राणा गिरोह के जितेन्द्र उर्फ जितु ओमप्रकाश उर्फ गुड़, विरेन्द्र तथा चन्द्रसिंह भी कई आपराधिक प्रकरणों में वांछित है।
राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने किया था संपर्क
जानकारी में सामने आया कि शातिर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अपराध शाखा जयपुर के महानिरीक्षक पुलिस प्रफ्फुल कुमार ने अहमदनगर पुलिस अधीक्षक राकेश ओला से वार्ता की। इसमें अपराध शाखा की टीम को स्थानीय स्तर पर सहायता दिलवाई। अपराध शाखा की टीम में आशाराम चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह हैड कांस्टेबल जिला चित्तौड़गढ़, रमेश कांस्टेबल चित्तौड़गढ़, गोपाललाल कांस्टेबल भीलवाड़ा, विजय सिंह कांस्टेबल भीलवाड़ा, शंकर दयाल हैड कांस्टेबल सीआईडी सीबी, कमल हैड कांस्टेबल आयुक्तालय जयपुर एवं मुकेश कांस्टेबल सीआईडी सीबी की टीम को कार्यवाही के लिए भेजा था।इस अभियान में चित्तौड़गढ़ पुलिस के हैड कांस्टेबल महावीर सिंह व कांस्टेबल रमेश की विशेष भूमिका रही।
400 से ज्यादा होटलों में ली तलाशी
जानकारी में सामने आया कि राजस्थान से टीम शिरडी पहुंची थी। यहां पर अपराध शाखा की टीम ने शिरड़ी पहुंच कर स्थानीय पुलिस की मदद ली। इसमें शिरडी में करीब 400 होटलों की तलाशी ली। एक होटल से कमल राणा अपने गिरोह के 4 सदस्यों के साथ रुका हुआ था। यहीं से पूरे गिरोह को दबोच लिया।
एक माह पूर्व जयपुर बुला कर दिया था टास्क
जानकार सूत्रों ने बताया कि कमल राणा को पकड़ने के लिए एडीजी क्राइम दिनेश एमन ने करीब एक माह पूर्व महावीर सिंह हेड कांस्टेबल को जयपुर क्राइम ब्रांच में बुलाया था। यहां हेड कांस्टेबल को ईनामी आरोपी कमल राणा को पकड़ने का टास्क दिया था। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कार्यवाही करते हुवे हेड कांस्टेबल और पूरी टीम ने कमल राणा गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की।
जीरण में ठिकाने बदल रहा था, मिल रही थी पुलिस की सूचना
जानकारी में सामने आया कि आरोपी कमल राणा को पकड़ने के लिए टीम ने जीरण तथा आसपास के क्षेत्रों में 5 दिनों तक भिखारी के वेश में भी घूमे तथा जानकारी एकत्रित की। कमल राणा की हर गतिविधि की जानकारी रखी। कमल राणा ने नीमच तथा आसपास के क्षेत्र में करीब 100 लोग ऐसे छोड़ रखे थे जो कि पुलिस की जानकारी उसे तत्काल देते थे। कमल राणा बार-बार जीरन क्षेत्र में अपने ठिकाने बदल रहा था जिसके चलते हेड कांस्टेबल महावीर सिंह व पूरी टीम ने कभी सर्वेयर के रूप में तो कभी भिखारी के रूप में भेष बदल कर रेकी की। कमल राणा को भी इसकी सूचना मिल रही थी, जिसके चलते वह यहां से गायब हुआ।
नीमच से बाहर निकल का था इंतजार
सूत्रों ने बताया कि आरोपी कमल राणा को पुलिस नीमच से बाहर निकालना चाह रही थी। इसके पीछे कारण यह था कि उसका इस क्षेत्र में तगड़ा नेटवर्क है। इसलिए यहां गिरफ्तार नहीं किया जाए। कमल राणा जैसे ही फॉर्च्यूनर लेकर यहां से निकला तो पुलिस पीछा करते हुए शिरडी पहुंच गई। यहां 400 होटलों में अलग अलग ढंग से दबिश दी तब जाकर गिरोह पकड़ में आया।