views
सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। उपखंड के कनेरा थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर हुवे जानलेवा हमले के मामले में पुलिस मुख्य आरोपी पर मेहरबान दिखाई दे रही है। भले ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो नामजद सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। लेकिन मुख्य आरोपी सुनील पुत्र निर्भय धाकड़ पुलिस की पकड़ से दूर है। इतना ही नहीं पुलिस की इस पर खासी मेहरबानी भी देखने को मिल रही है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि जानलेवा हमले के मामले में पुलिस की गिरफ्त से दूर सुनील धाकड़ अफीम तस्करी के एक मामले में वांछित है, जिसकी तलाश विजयपुर थाना पुलिस कर रही है। मुख्य आरोपी कांग्रेस के टिकट पर जिला परिषद सदस्य का चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। यह सत्ताधारी दल कांग्रेस से जुड़ा होने के कारण अपनी दबंगई के लिए क्षेत्र में जाना जाता है। संभवतया इसी कारण ना तो मादक पदार्थ तस्करी में और ना ही जान लेवा हमले में पुलिस इस पर हाथ डाल रही है, जबकि आरोपी कनेरा में ही मौजूद है।
72 घंटे बाद याद आया चोट प्रतिवेदन
कांग्रेस से जुड़े आरोपी सुनील धाकड़ पर पुलिस किस तरह से मेहरबान है इसके बानगी भी देखने को मिल रही है। जानलेवा हमले के 24 घंटे बाद में भी पुलिस चोट प्रतिवेदन और बयान लेने के लिए चिकित्सालय नहीं पहुंची। पहले सीएम के दौरे का बहाना था लेकिन 48 घंटे बाद भी पुलिस की नींद नहीं खुली। आरोपियों को फायदा देने के लिए और मारपीट की धाराओं में ही जमानत देने के लिए चोट प्रतिवेदन लेने की जहमत नहीं उठाई। 72 घंटे बाद पुलिस अब चोट प्रतिवेदन के लिए चिकित्सालय में फोन कर रही है।
धोखे से बुला कर किया था हमला
गत 27 जून को कनेरा क्षेत्र में षडयंत्र पूर्वक खेत पर बुवाई के लिए डीजल देने के बहाने बुला कर पत्रकार देवगिरी गोस्वामी के साथ सुनील धाकड़ सहित 5 जनों ने बुरी तरह से मारपीट की थी। इसके हाथ और पैरों में फ्रेक्चर के साथ ही गंभीर चोट लगी है। जान लेवा हमले के मामले में पुलिस में रिपोर्ट दी थी लेकिन कनेरा थाना पुलिस ने मेहरबानी दिखाते हुवे केवल मारपीट और अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया। प्रकरण दर्ज करने के बाद घटना से जुड़े भरत धाकड़, रविंद्र धाकड़ और उनके एक अन्य साथी पुष्कर धाकड़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। घटना का मुख्य आरोपी और कांग्रेस का दबंग सुनील धाकड़ फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर है। वहीं सोशल मीडिया पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में उसका शामिल होना और सोशल मीडिया अकाउंट पर फोटो साझा करना क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
दबाव में पुलिस, तो नहीं होता हमला
पूरे घटनाक्रम में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली कांग्रेस से जुड़े सुनील धाकड़ के शामिल होने से पुलिस भी दबाव में दिखाई दी। 27 जून को जान का खतरा बताते हुए पत्रकार देवगिरी ने दोपहर में ही शिकायत दी थी। लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि देर शाम उसके साथ जम कर मारपीट की गई। बचाव के लिए पहुंची पीड़ित की मां के साथ भी अभद्रता की गई। पुलिस यदि समय पर कार्रवाई कर लेती तो इस प्रकार की घटना होने से बच जाती। लेकिन मुख्य आरोपी के राजनीतिक दल से जुड़े होने के कारण मामले में ढिलाई बरती, जिसका परिणाम हुआ कि जान लेवा हमला कर दिया।
गोस्वामी समाज ने दिया ज्ञापन, पत्रकारों में रोष
इधर, भूमि विवाद को लेकर जान लेवा हमले के विरोध में गोस्वामी समाज द्वारा भी मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन देकर घटना के विरोध में आक्रोश व्यक्त किया गया। वहीं दूसरी ओर पत्रकार के साथ मारपीट को लेकर पत्रकार संगठनों में भी रोष व्याप्त है हालांकि मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई लेकिन मुख्य अभियुक्त पुलिस की पकड़ से दूर है ऐसे में पत्रकार संगठन भी शीघ्र गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में अपना विरोध मुखर कर सकते हैं।
पुलिस को नहीं मिल रहा मंत्री के साथ दिखने वाला सुनील!
पत्रकार पर जान लेवा हमला करने वाला कांग्रेस का दबंग सुनील धाकड़ ने केवल पत्रकार के साथ मारपीट के मामले में नामजद है, लेकिन एक अफीम तस्करी के मामले में भी पुलिस फाइल में नामजद होकर वांछित है। सुनील धाकड़ अफीम तस्करी के मामले में विजयपुर थाने का वांछित है एक प्रकरण में पुलिस इसकी तलाश कर रही है। हालांकि सूत्रों ने बताया है कि उक्त प्रकरण में ढिलाई देने के लिए पहले इस फाइल को अन्य स्तर पर जांच के लिए भिजवाया गया था बाद में इसकी जांच फिर से विजयपुर थाना पुलिस के पास पहुंची जहां इस प्रकरण में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है वही सुनील धाकड़ और एक अन्य पुलिस की पकड़ से दूर है। बड़ी बात यह है कि तस्करी के मामले में पुलिस की पकड़ से दूर सुनील धाकड़ जहां पुलिस को ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के कार्यक्रमों में इसकी लगातार मौजूदगी की जानकारी सामने आई है वही विभिन्न अवसरों पर व्यक्तिगत रूप से मंत्री आंजना से मुलाकात के फोटो भी इसके सोशल मीडिया अकाउंट पर आसानी से देखे जा सकते हैं। ऐसे में साफ है कि जहां इससे जुड़ी फाइल अलग-अलग स्थानों पर घूम रही है वही दूसरी ओर खुद सुनील गाहे-बगाहे सार्वजनिक कार्यक्रमों में मंत्री आंजना के साथ देखा जा रहा है। हालांकि सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना अपराध और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कहते अक्सर दिखाई देते हैं लेकिन अफीम तस्करी के मामले में वांछित सुनील धाकड़ अब पत्रकार से मारपीट करने के बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है ऐसे में कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं से राजनीतिक अनुकंपा प्राप्त हो रही है जिसके चलते यह बदस्तूर अपने कारनामों को अंजाम दे रहा है और पुलिस इसका कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रही है।
घटनाक्रम से जुड़े 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपित सुनील धाकड़ फिलहाल पकड़ में नहीं आया है।
घेवरचंद, थानाधिकारी, पुलिस थाना कनेरा
अफीम तस्करी का प्रकरण जांच में है, जिसमें सुनील धाकड़ की तलाश की जा रही है। पूर्व में यह फाइल एसओजी के पास थी।
हमेरलाल, थानाधिकारी, पुलिस थाना विजयपुर