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देश-दुनिया के इतिहास में 13 दिसंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत को गहरे जख्म दे चुकी है। दरअसल 22 साल पहले इसी तारीख को नई दिल्ली में संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था। 13 दिसंबर 2001...। ठंड का मौसम और संसद के बाहर खिली हुई धूप। संसद में विंटर सेशन चल रहा था और महिला आरक्षण बिल पर हंगामा जारी था। इस वजह से पूर्वाह्न11:02 बजे संसद को स्थगित कर दिया गया।
इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से चले गए। तत्कालीन उपराष्ट्रपति कृष्णकांत का काफिला निकलने ही वाला था। संसद स्थगित होने के बाद गेट नंबर 12 पर सफेद गाड़ियों का तांता लग गया। इस समय तक सब कुछ अच्छा था। चंद मिनट बाद संसद पर जो हुआ, उसके बारे में न कभी किसी ने सोचा था और न ही कल्पना की थी। करीब साढ़े 11 बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी सफेद एंबेसडर में सवार पांच आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुसे। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।
यह सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एंबेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। बस फिर क्या था, घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। ऐसा लगा, मानो जैसे कोई पटाखे फोड़ रहा हो। आतंकियों के पास एके-47 और हैंड ग्रेनेड थे। हमारे सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे। संसद भवन में उस समय सीआरपीएफ की एक बटालियन मौजूद थी। गोलियों की आवाज सुनकर ये बटालियन अलर्ट हो गई। जवान दौड़-भागकर आए। उस वक्त सदन में देश के तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन समेत कई बड़े नेता और पत्रकार मौजूद थे।
सभी को संसद के अंदर ही सुरक्षित रहने को कहा गया। इस बीच एक आतंकी ने गेट नंबर-1 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन सिक्योरिटी फोर्सेस ने उसे वहीं मार गिराया। इसके बाद उसके शरीर पर लगे बम में भी ब्लास्ट हो गया। बाकी के चार आतंकियों ने गेट नंबर-4 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन इनमें से तीन आतंकियों को वहीं पर मार दिया गया। इसके बाद बचे हुए आखिरी आतंकी ने गेट नंबर-5 की तरफ दौड़ लगाई, लेकिन वो भी जवानों की गोली का शिकार हो गया। जवानों और आतंकियों के बीच 11:30 बजे शुरू हुई ये मुठभेड़ शाम को 4 बजे खत्म हुई।
पांचों आतंकी तो मर गए, लेकिन संसद हमले की साजिश रचने वाले बच गए थे। संसद हमले के दो दिन बाद ही अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी और अफशान को बरी कर दिया, लेकिन अफजल गुरु की मौत की सजा को बरकरार रखा। शौकत हुसैन की मौत की सजा को भी घटा दिया और 10 साल की सजा का फैसला सुनाया। 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी पर लटका दिया गया।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1232ः गुलाम वंश के शासक इल्तुतमिश ने ग्वालियर पर कब्जा किया।
1675ः सिख गुरु तेग बहादुर दिल्ली में शहादत।
1772ः नारायण राव सतारा के पेशवा बने।
1916ःआस्ट्रिया के टायरॉल में हिमस्खलन।10,000 ऑस्ट्रियाई और इतालवी सैनिकों की मौत।
1920ः नीदरलैंड के हेग में लीग ऑफ नेशंस का अंतरराष्ट्रीय न्यायालय स्थापित।
1921ः वाशिंगटन सम्मेलन के दौरान अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, जापान और फ्रांस के बीच फॉर पॉवर संधि पर दस्तख्त।
1921ः बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का उद्घाटन 'प्रिंस ऑफ वेल्स' ने किया।
1937ः नानजिंग के युद्ध में जापान की जीत।
1955ः भारत और सोवियत संघ ने पंचशील समझौते को स्वीकार किया।
1959ः आर्क विशप वकारियोस साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए।
1961ः मंसूर अली खान पटौदी ने अपना टेस्ट मैच करियर दिल्ली में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू किया।
1974ः माल्टा गणतंत्र बना।
1981ः पोलैंड में सेना ने सत्ता पर कब्जा किया।
1989ः भारत के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के बदले पांच कश्मीरी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया गया।
1995ः दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद हिंसा।
1996ः कोफी अन्नान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव चुने गए।
1998ः महात्मा रामचन्द्र वीर को कोलकाता के बड़ा बाजार लाइब्रेरी की ओर से भाई हनुमान प्रसाद पोद्दार राष्ट्र सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2001ः दिल्ली स्थित भारतीय संसद पर आतंकवादी हमला।
2001ः इजराइल ने यासर अराफात से संपर्क तोड़े।
2002ः यूरोपीय संघ ने तुर्किये के साथ बहुप्रतीक्षित समझौते को मंजूरी दी।
2003ः सद्दाम हुसैन को गृह नगर टिगरीट के निकट गिरफ्तार किया गया।
2004ः इस्लामाबाद में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु और सर क्रीक पर वार्ता प्रारम्भ।
2006ः 150वें सदस्य के रूप में वियतनाम को शामिल करने हेतु विश्व व्यापार संगठन ने अधिसूचना जारी की।
2012ः नेत्रहीन 20-20 विश्वकप के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को 30 रनों से हराकर विश्व विजेता का खिताब अपने नाम किया।
जन्म
1903ः हिन्दी में मनोवैज्ञानिक उपन्यासों के आरम्भकर्ता इलाचन्द्र जोशी ।
1925ः भारत के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लक्ष्मीचंद जैन।
1928ः भारतीय फिल्म निर्माता डी.वी.एस. राजू।
1930ः भारतीय मूल के अमेरिकी प्लास्टिक सर्जन शरद कुमार दीक्षित।
1954ः भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉ. हर्षवर्धन।
1955ः गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर।
निधन
1048ः फारसी विद्वान, लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ और विचारक अलबेरूनी।
1986ः हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री स्मिता पाटिल।