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बस्सी और सीतामाता सेंचुरी को टाइगर रिजर्व की तैयारी, रणथंभोर और सरिस्का की तर्ज पर हो सकता है विकास, इको टूरिज्म की बढ़ेगी संभावनाएं
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। धनतेरस के दिन चित्तौड़गढ़ जिले में वर्षों बाद विलुप्त हो चुके टाइगर की दहाड़ सुनाई दी थी। चार जिलों की सीमा पार स्थित मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से एक टाइगर चित्तौड़गढ़ ज़िले के भैंसरोड़गढ़ क्षेत्र में स्थित सेंचुरी में आ गया था। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी अलर्ट हुवे थे। दो से तीन दिन तक टाइगर का मूवमेंट सेंचुरी क्षेत्र में रहा था। टाइगर का यह मुवमेंट वन विभाग के अधिकारियों को भी उत्साहित करने वाला था। ऐसे में भविष्य में चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी तक टाइगर के आने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके पीछे विशेषज्ञों का तर्क है कि भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी और बस्सी सेंचुरी के जंगल आपस में जुड़े हुवे है। जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिले में किसी समय टाइगर थे। लेकिन बाद में जिले से विलुप्त हो गए। जिले में बस्सी, भैंसरोड़गढ़ और सीतामाता सेंचुरी है लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति की की कमी के कारण राष्ट्रीय अभ्यारण के लिए प्रयास नहीं हुवे। वहीं दीपावली के ठीक पहले धनतेरस के दिन भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी में टाइगर आया था। भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी के निकट मुकुंदा टाइगर रिजर्व है। यही से टाइगर भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी तक पहुंचा। इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को मिली तो सभी अलर्ट हो गए। टाइगर के मूवमेंट पर नजर रखी गई। इस क्षेत्र में दो-तीन दिन रहने के बाद यह टाइगर पुनः मुकंदरा की और चला गया। वर्षों बाद चित्तौड़गढ़ जिले में टाइगर का मुवमेंट देखा गया। इससे विभाग के अधिकारी और कर्मचारी काफी उत्साहित दिखाई दिए। टाइगर की सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के कारण अधिकारी भी इस मामले को लेकर ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं। इतना जरूर है कि भविष्य में भी टाइगर के पुनः इस क्षेत्र में आने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इससे संभावना बन गई है कि आने वाले समय में भैंसरोडगढ़ और बस्सी सेंचुरी को भी टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जा सकता है।
मुकुंदरा का बफर जोन है भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी
जानकर सूत्रों ने बताया कि गत नवंबर माह में टाइगर भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी में आया था। इसमें टाइगर के काफी लंबा सफर करने की बात सामने आई है। इस क्षेत्र में किसी को बिना कोई नुकसान पहुंचाए टाइगर के पुनः मुकुंदरा में पहंचने पर वन विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी मुकुंदरा का बफर जोन भी कहलाता है। भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी कोटा वन विभाग के तो बस्सी सेंचुरी उप वन संरक्षक वन्य जीव चित्तौड़गढ़ के अंतर्गत आती है।
मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने किया था दौरा
भैंसरोड़गढ़ सेंचुरी में टाइगर आने की जानकारी वन विभाग के उच्च अधिकारियों को दी थी। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजस्थान जयपुर अरिन्दम तोमर भी दिसंबर माह में चित्तौड़गढ़ पहुंचे थे। यहां जिले में दो दिन तक दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने बस्सी और सीतामाता सेंचुरी का अवलोकन किया। बस्सी के साथ ही सीतामाता सेंचुरी में टाइगर रिजर्व की संभावनाओं पर चर्चा की। जिले के आला अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इस दौरान उप वन संरक्षक वन्य जीव चित्तौड़गढ़ सोनल जौरिहार साथ रहे थे।