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सीधा सवाल। प्रतापगढ़। जिले में इन दिनों चंद पुलिसकर्मियों के कारनामों की वजह से पूरे विभाग की साख पर बट्टा लग रहा है। 10 दिन पहले अरनोद थानेदार को 8 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों को पकड़ा गया था। इस घटना के बाद से ही पूरे पुलिस महकमे पर उंगलियां उठ रही थी। वहीं, अब कोतवाली थाने के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। तीनों को कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को निलंबित कर दिया। इसको लेकर कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक बनवारी लाल मीणा ने बताया कि 31 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध बस में जा रहा है। इस पर कोतवाली थाने में तैनात कांस्टेबल महेंद्र विश्नोई, अमरचंद और प्रदुमन सिंह ने मिलकर जीरो माइल चौराहे पर उस बस को रुकवाया और संदिग्ध को अपने साथ लेकर थाने आए। इस दौरान उन्होंने न तो इसकी रिपोर्ट दर्ज की और न ही आलाधिकारियों को इसकी सूचना दी। इन तीनों पुलिसकर्मियों ने संदिग्ध से थाने में करीब दो घंटे तक पूछताछ की और फिर उसे छोड़ दिया। तस्करी से जुड़े इस मामले की सूचना पुलिस के आलाधिकारियों को हुई तो उनके कान खड़े हो गए। तुरंत मामले में एक्शन लेते हुए तीनों कांस्टेबल से पूछताछ की गई। इस पर पहले तो उन्होंने अपनी करतूत पर पर्दा डालने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया। दरअसल, जिस संदिग्ध को पकड़कर तीनों थाने लाए थे उसके मोबाइल से रुपयों के लेनदेन की गई। पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली थी कि संदिग्ध बस से तस्करों से मिलने के लिए जा रहा था. वहीं, इस बीच ये सूचना तीनों कांस्टेबल को मिल गई, जिसके बाद तीनों उसे पकड़ लिया और फिर रुपयों की लेनदेन करने के बाद उसे छोड़ दिया। कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस हरकत के लिए तीनों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच डीएसपी हेरंभ जोशी को सौंपी गई है।