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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले में एक बार फिर से बरसात का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ जहां विभिन्न क्षेत्रों में शनिवार से ही बूंदाबांदी हो रही थी वहीं रात से ही अब लगातार बरसात जारी है। कभी तेज तो कभी बूंदाबांदी हो रही है। लगातार हो रही इस बरसात का असर फसलों पर देखने को मिलेगा। आने वाले दिनों में खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं जिन किसानों ने अगेती खेती की है और खेत खाली करके रबी की बुवाई कर दी उन्हें जरूर फायदा होने की संभावना है। जानकारी में सामने आया कि जिले में शनिवार शाम से ही बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया। लेकिन शनिवार देर रात से बरसात का दौर तेज हो गया। चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेज बरसात देखने को मिली है। लोग घरों में बंद हो गए हैं। बेमौसम हो रही इस बरसात से सर्दी का आलम भी बढ़ गया है तथा मौसम में हल्की ठंड महसूस होने लगी है। जिले मे पिछले 24 घंटे में शनिवार सुबह 8.30 बजे तक सबसे ज्यादा बरसात निंबाहेड़ा में 55 मिलीमीटर एवं सबसे कम बेगूं व कपासन में 8 मिलीमीटर दर्ज की गई। कलक्ट्रेट कंट्रोल रूम के अनुसार रविवार सुबह 8.30 बजे तक जिले में चित्तौड़गढ़ व बस्सी में 18-18 एमएम, गंगरार व राशमी में 10-10 एमएम , कपासन व बेगूं में- 8 एमएम, निंबाहेड़ा में 55 एमएम, भदेसर में 22 एमएम, डूंगला में 51 एमएम, बड़ीसादड़ी में 9 एमएम, भैंसरोडगढ़ में 17 एमएम तथा भूपालसागर में 20 एमएम बरसात दर्ज की गई है। बरसात का यह दौर शुरू होने के बाद खेतों में फिर से पानी भरने लगा है। खरीफ की फसल पकने के दौर में है और कहीं-कहीं तो फसल कटाई भी चल रही है। ऐसे में खरीफ की फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। वहीं जिन किसानों ने अगेती खेती की और अपने खेत खाली कर रबी की फसल की बुवाई कर रहे हैं उन्हें जरूर फायदा होगा। ऐसे किसानों के लिए यह बरसात अमृत का काम कर सकती है। इधर, मानसून की बरसात का दौर खत्म होने के बाद एक बार फिर से तेज उमस देखने को मिल रही थी। लेकिन बेमौसम बरसात शुरू होने के बाद मौसम में ठंडक घुल गई है। बरसात के दौरान लोगों को बचाव करते हुए घरों से निकलते देखा गया है। छाते एवं रेनकोट एक बार फिर घरों से बाहर निकल गए हैं।