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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ महोत्सव समिति द्वारा पहली बार भव्य चुनरी महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 501 फीट लंबी चुनरी, 5100 दीपकों की महाआरती, छप्पन भोग, महाआरती, दीपदान और आतिशबाजी जैसे भव्य कार्यक्रम शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद सीपी जोशी ने ढोल-नगाड़ों और मंजीरों के साथ केसरिया भात का बड़ा थाल अपने सिर पर रखकर श्रीनाथजी की झांकी के सामने छप्पन भोग अर्पित किया।
समिति के अध्यक्ष अनंत समदानी और कार्यक्रम संयोजक गोपाल भूतड़ा ने बताया कि इस चुनरी को विशेष रूप से जयपुर के कारीगरों द्वारा तैयार कराया गया था। चित्तौड़गढ़ की गम्भीरी नदी के तट पर पहली बार सोलह नावों के साथ चुनरी मनोरथ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें महिलाएं चुनरी और पुरुष धोती-कुर्ता पहनकर पहुंचे। सैकड़ों शहरवासियों ने चुनरी को स्पर्श कर गम्भीरी मैया को समर्पित किया, और महाआरती के दौरान भव्य आतिशबाजी से पूरे क्षेत्र को रोशन किया गया।
सांसद सीपी जोशी ने इस आयोजन के लिए समिति को बधाई दी और गम्भीरी माता की प्रतिमा लगाने का संकल्प लिया। साथ ही, उन्होंने चित्तौड़ की गम्भीरी नदी पर साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर रिवरफ्रंट बनाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन भी दिया।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, जिला प्रमुख भूपेन्द्रसिंह बडोली, समिति संरक्षक श्रवणसिंह राव, अध्यक्ष अनंत समदानी, सचिव आशा पोखरना, उपाध्यक्ष अभिषेक श्रीमाल, और आयोजन सचिव अनुराग द्विवेदी सहित प्रमुख संतों की उपस्थिति रही। इसके बाद, श्रीनाथजी की झांकी के सामने 56 भोग में लगभग 180 प्रकार के व्यंजन अर्पित किए गए। सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में दो क्विंटल नुगती, गर्म पकोड़ी और 56 भोग का वितरण किया गया।