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चार माह 16 सोमवार के व्रत के पूजा अर्चना हवन शांति के साथ हुए समापन, घर-घर में हुआ भोलेनाथ के चूरमे के प्रसाद का वितरण
सीधा सवाल। चिकारड़ा। मंशा वाचा महादेव व्रत का उद्यापन चिकारड़ा क्षेत्र में कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया गया जिसमें क्षेत्र में व्रत धारियों द्वारा 50 क्विंटल चूरमे का भोग महादेव को लगाया गया । व्रत धारी महिला मांगी बाई द्वारा बताया कि मन की इच्छाओं की पूर्ति के लिए यह व्रत श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को समाप्त होता है। 4 महीने तक इस व्रत को महिला पुरुष दोनों द्वारा किया जाता है । चार माह तक चलने वाले इस व्रत को लेकर कई कथाएं सुनी सुनाई जाती है। प्रत्येक सोमवार को व्रत धारी द्वारा शिवलिंग की पूजा की जाती है। जानकारी में जमनेश वैष्णव ने बताया की पूजा करने की विधियां भी अलग-अलग होती है लेकिन ग्रामीण महिला पुरुषों द्वारा चार माह तक शिवलिंग की पूजा की जाती है जिसमें विशेष रूप से सिक्के और सूत के धागे पर मन इच्छा रखते हुए चार गठान लगाई जाती है। और संकल्प छोड़ा जाता है। इनकी पूजा 16 सोमवार तक यानी 4 महीने तक होती है तथा चार ही मास सोमवार के व्रत रखे जाते हैं। पंडित उदयलाल मेनारिया करौली द्वारा बताया गया कि भगवान शिव का यह व्रत 4 वर्ष का रहता है। प्रत्येक वर्ष 4 महीने जिसमे श्रावण मास से लेकर कार्तिक मास तक किए जाते हैं । इस व्रत को करने के पीछे उद्देश्य मन इच्छा पूर्ति होता है। प्रत्येक सोमवार के साथ उद्यापन में पूजन सामग्री जिसमें दूध दही जल चंदन अबीर गुलाल रोली चावल फूल बेलपत्र केला अर्क लच्छा सिक्का नारियल चढ़कर पूजा की जाती है वहीं सिक्का तथा धागे पर लगी गठान सहित पूजा में रखी जाती है। उद्यापन के अवसर पर धागे की गठान खोल दी जाती है । प्रत्येक वर्ष अलग-अलग इच्छाओं के चलते धागे पर गठान लगाई जाती है । जिसने भी इस व्रत को लिया है उसको 4 वर्ष तक करना अनिवार्य होता है। उद्यापन के अवसर पर महिला पुरुषों द्वारा अल सवेरे उठकर नित्य क्रिया करने के बाद भगवान भोलेनाथ के लिए प्रसाद बनाया जाता है जिसमें 2 किलो 250 ग्राम आटा, 625 ग्राम घी, 625 ग्राम ही गुड़ लेकर चूरमा बनाया जाता है। जिसके चार भाग बनाए जाते हैं। पहला भाग महादेव को तो दूसरा भाग नाथ को वही तीसरा भाग गाय के लिए चौथा भाग स्वयं के लिए होता है । इस मौके पर हवन पूजा अर्चना कर कहानी का श्रवण करने के बाद प्रसाद का वितरण होता है। चिकारड़ा के गुर्जर मोहल्ला सांवलिया जी चौराहा ब्रह्मपुरी सहित सभी महादेव मंदिर पर 425 की तादात में व्रतधारियों ने उत्साह पूर्वक महादेव की पूजा अर्चना करते हुए 15 क्विंटल चुरमे का भोग लगाया तथा हवन किया । वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी उत्साह पूर्वक विधि विधान के साथ व्रत उद्यापन किया गया। तथा क्षेत्र के जेतपुरा, झाड़सादड़ी, नंगाखेड़ा , टीलाखेड़ा, नौगांवा , देवाखेड़ा, वजीरपुरा, नीमगांव, रामनगर ,भाटोली गुजरान, भाटोली बागरियान,सोमवास, नपावली,आकोला गढ़ गावो के लगभग 1200 ग्रामीणों ने 40- 45 क्विंटल का भोग लगाया गया ।