views
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक लक्ष्याें की पूर्ति में प्रदेश में अव्वल स्थान बनाए हुए है। ऋण वितरण से लेकर ऋण वसूली और राज्य सरकार की योजनाओं में केन्द्रीय सहकारी बैंक अपनी साख बनाए हुए है। ऋण वितरण के साथ ही वसूली भी बैंक की और से पूरी की जा रही है। यही कारण है कि प्रदेश के 29 बैंक में चित्तौड़गढ़ बैंक पहला स्थान बनाए हुवे है।
चित्तौड़गढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह खोर ने बताया कि बैंक का चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ दो जिले में कार्य क्षेत्र है। इसके अन्तर्गत 18 शाखाएं, 373 सहकारी समितियां और सहकारी समिति के साथ-साथ 3 लाख 20 हजार 747 सदस्य है। इसमें करीब 1 लाख 81 हजार काश्तकारों को फसली ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए बैंक की मुख्य शाखा और प्रधान कार्यालय का नवीनीकरण कराया गया है। इस मौके पर मौजूद बैंक के पूर्व अध्यक्ष और विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने बताया कि राजस्थान के सहकारी बैंकों में चित्तौड़गढ़ का सहकारी बैंक अपना अग्रणी स्थान बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि तकनीक बदलने के साथ ही बैंक का कम्प्यूटराइजेशन किया गया है। वहीं फसली ऋण वितरण, राजीविका योजना सहित विभिन्न योजनाओं में बैंक पहले स्थान पर है। बैंक के प्रबन्ध निदेशक अनिमेष पुरोहित ने बताया कि बैंक में मियादी जमाओं पर 8 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। वहीं विभिन्न ऋण योजनाएं जैसे गोपाल क्रेडिट कार्ड, डेयरी विकास, फार्म मैकेनाइजेशन, किसान कल्याण, फसली ऋण, ज्ञान सागर योजना ऋण, विशेष योग्यजन स्वरोजगार ऋण, ग्रामीण गोदाम जैसी योजनाएं संचालित है। वहीं बैंक आवास ऋण पर 9.5 प्रतिशत और राजकीय कर्मचारियों के व्यक्तिगत ऋण 12.25 प्रतिशत पर उपलब्ध कराता है। पत्रकार वार्ता के दौरान बैंक संचालन मंडल के सदस्य देवीलाल जणवा, पृथ्वीपालसिंह, कैलाश चोखड़ा, शैलेन्द्र झंवर, पार्षद अनिल ईनाणी, एडवोकेट ओमप्रकाश शर्मा, युवराज आर्य, रवि विराणी सहित बैंक स्टाफ मौजूद था।