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सीधा सवाल। भदेसर। उपखंड क्षेत्र में पिछले दिनों आम लोगों के लिए दहशत बना तेंदुआ आखिर पिंजरे में कैद हो गया। बकरी के लालच में पिंजरे में आए मादा तेंदुए को फिर से जंगलों में फिर से छोड़ दिया गया है। वहीं तेंदुआ पकड़ने के बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग के अधिकारियाें ने बताया कि पकड़े गये मादा तेंदुए की उम्र करीब डेढ़ वर्ष है और पूर्णतया स्वस्थ है।
जानकारी के अनुसार भदेसर उपखंड मुख्यालय के आस पास चार दिन से लगातार तेंदुए की मौजूदगी ने क्षेत्र में दहशत पैदा कर दी थी। इसके बाद वन विभाग ने पिंजरा रखवाया था और उसमें बकरी बांधी गई थी। बीती रात बकरी के लालच में तेंदुआ पिंजरे में आ गया। पिंजरे में आने के बाद तेंदुआ गुस्से में नजर आ रहा था। भदेसर उपखंड मुख्यालय के आस-पास तेंदुए के मूवमेंट से लोगों ने सुरक्षा की मांग को लेकर थाने के पीछे घाटी के जंगल में पिंजरा लगवाया था। मंगलवार को पिंजरा लगाने के बाद शुक्रवार को इसमें बकरी बांधी गई थी और शाम को तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। बाद में पिंजरे को वाहन में रख कर अन्यत्र जंगलों में ले जाया गया, जहां तेंदुए को छोड़ा गया। इसका एक वीडियो सामने आया है। इसमें तेंदुआ देखते ही देखते जंगल में आंखों से ओझल हो गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तेंदुआ की मौजूदगी से गांव में दहशत को देखते हुए चार दिन तक पिंजरा लगाए रखा। उपवन संरक्षक विजय शंकर पांडे के निर्देश पर चले इस पूरे ऑपरेशन में क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेन्द्र चौधरी, वनपाल मांगीलाल मीणा, शैतान सिंह, लक्ष्मण सिंह, वन रक्षक नन्दलाल और वाहन चालक नाथूसिंह की प्रमुख भूमिका रही।