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सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। रेलवे लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा न मिलने से नाराज किसानों का धरना छठे दिन भी जारी रहा। बुधवार को अचलपुरा, सेमरड़ा, बरेखन, मलावदा, छोटीसादड़ी के सैकड़ों किसान धरना स्थल पर मौजूद रहे। किसानों ने रेलवे विभाग के खिलाफ नाराजगी जताते हुए निर्माण कार्य ठप करा दिया। किसान दिन-रात धरना स्थल पर ही डटे हुए हैं। सर्दी होने से अलावा का सहारा लेकर जुटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि बड़ीसादड़ी से नीमच तक रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा वर्ष 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग-113 के निर्माण में निर्धारित दर के अनुसार नहीं दिया गया। उस समय प्रति आरी भूमि का मुआवजा 1 लाख रुपये तय किया गया था, जबकि वर्तमान में इससे कम दर पर मुआवजा दिया जा रहा है।
किसानों का आरोप है कि मुआवजा निर्धारण प्रक्रिया में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण उन्हें अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग करने से रोका गया। 1 मार्च 2024 से 14 मार्च 2024 तक अवार्ड का वितरण नहीं किया गया, जिससे किसानों को अपील का मौका नहीं मिला। धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि 90 किसानों ने अपनी अपील संभागीय आयुक्त बांसवाड़ा के पास दायर की थी। लेकिन 17 अप्रैल 2024 से 17 अक्टूबर 2024 तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद राज्य सरकार ने मामला जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ को भेजा, लेकिन सुनवाई की तारीखें (27 अक्टूबर और 8 नवंबर) तय होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो सकी। अब मामला जयपुर भेज दिया गया है। किसानों ने मांग की है कि मुआवजा दर को राष्ट्रीय राजमार्ग-113 के निर्माण में तय दर के आधार पर संशोधित किया जाए। जयपुर स्थानांतरित की गई 90 पत्रावलियों को पुनः जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ के पास भेजा जाए ताकि उचित सुनवाई हो सके।