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सीपीएस पद्धति के रोके गए पट्टे हो बहाल, डोडा-चूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर करने की मांग
सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। भारतीय किसान संघ के अफीम संघर्ष समिति के नेतृत्व में अफीम किसानों की समस्याओं और मांगों को लेकर दिल्ली में वित्त मंत्रालय में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई। किसान संघ के छः सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस वार्ता में वित्त सचिव विवेक अग्रवाल, संयुक्त सचिव नवल राम, अपर सचिव राम लखन, नारकोटिक्स विभागाध्यक्ष घनश्याम मीणा और अन्य अधिकारी शामिल हुए। किसानों की ओर से प्रतिनिधिमंडल में राजस्थान प्रदेश राजस्व प्रमुख शिवराज पुरी (बूंदी), अफीम आयाम प्रमुख बद्रीलाल जाट (भीलवाड़ा), बद्रीलाल तेली (चित्तौड़), भूरालाल धाकड़ (बेगू), गोपाल खटवड़ (प्रतापगढ़) और सोहनलाल आंजना (निंबाहेड़ा) शामिल थे। बैठक करीब 1 घंटे 30 मिनट तक चली। किसानों ने सीपीएस पद्धति में रोके गए सभी पट्टों को बहाल करने और आगे से ऐसी कार्रवाई रोकने की मांग की। 1990ससे 1998 तक के सभी कटे और रुके पट्टों को बहाल करने, अफीम फसल की बुवाई को दो प्लॉट में करने और इसे किसानों की सुविधा के अनुसार लागू करने,डोडा चूरा को एनडीपीएस एक्ट से हटाकर राज्य आबकारी अधिनियम में शामिल करने, सितंबर के पहले सप्ताह में हर साल नई नीति घोषित करने की व्यवस्था करने पर जोर दिया गया। साथ ही अफीम फसल पर बीमा पॉलिसी लागू करने की बात की गई। बुजुर्ग या बीमार किसानों को अपने पट्टे वारिस के नाम पर हस्तांतरित करने की अनुमति देने की मांग की गई।
वर्तमान में 1.08 लाख पट्टे जारी हैं, इसे बढ़ाकर 1.50 लाख करने की मांग की गई।किसानों की बढ़ती लागत के मद्देनजर अफीम के मूल्य में वृद्धि की बात कही गई। किसानों की समस्याओं को देखते हुए धारा 8/29 को हटाने का अनुरोध किया गया। इधर, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर सहमति जताई। पोस्ता दाना आयात पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
सीपीएस पद्धति में रोके गए पट्टों को अगले वर्ष बहाल किया जाएगा।2020-21 के दौरान शशांक यादव घूस कांड के कारण रुके हुए पट्टों पर विचार किया जाएगा।
किसानों की सुविधा के लिए दो प्लॉट में बुवाई की अनुमति दी जाएगी, लेकिन बुवाई पास-पास होगी।
नई नीति हर साल सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित करने की कोशिश की जाएगी।एनडीपीएस एक्ट के तहत डोडा चूरा को राज्य आबकारी अधिनियम में लाने की संभावनाओं पर विचार होगा।किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी। किसान नेता सोहनलाल आंजना ने बताया कि
किसान संघ ने जिला और प्रांत स्तर पर सेमिनार आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें किसानों की समस्याओं को चिन्हित किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आश्वासन दिया कि यदि विभागीय स्तर पर कोई गड़बड़ी होती है, तो किसान संघ सीधे हस्तक्षेप करेगा।