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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्राचीन भाषा संस्कृत और वैदिक संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन में संलग्न राजस्थान के श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेडा चित्तौड़गढ़ ने संस्कृत के क्षेत्र में नवोदित प्रतिभा सम्पन्न और सेवा को समर्पित युवा विद्वान् श्याम सुन्दर पारीक को श्री कल्ला राठौड़ युवा साहित्य साधना सम्मान 2024 से सम्मानित किया। इससे पूर्व भी पारीक सर्वश्रेष्ठ शोध-पत्र वाचन में विज्ञान भारती नई दिल्ली द्वारा आर्यभट्ट सम्मान से पुरस्कृत हो चुके है। कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने बताया कि राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ में असिस्टेंट प्रोफेसर - संस्कृत के पद पर कार्यरत श्याम सुन्दर पारीक को यह सम्मान विधानसभा सदस्य श्रीचन्द कृपलानी और कुलपति प्रो. ताराशंकर पाण्डेय के हाथों संंस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और संस्कृत साहित्य की सतत साधना के लिए दिया गया हैं। प्राचार्य गौतम कुमार कूकड़ा ने यह भी बताया कि प्राचीन संस्कृत ग्रंथों पर रिसर्च कर रहे श्याम सुन्दर पारीक ने कन्या महाविद्यालय की छात्राओं में संंस्कृत के प्रति रुचि जाग्रत करने हेतु केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर परिसर के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय भाषा समिति की सरल मानक संंस्कृत कार्यशाला, संस्कृत प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम, महिला संंस्कृत शिक्षा, संस्कृत ओल्मपियाड, सरला सुगमा परीक्षा, जिला संंस्कृत सम्मेलन चित्तौड़गढ़, आवासीय संंस्कृत भाषा बोधन वर्ग , बालक्रीड़ा आधारित संंस्कृत शिक्षण, रचनात्मक शिक्षण जैसी अनेक संस्कृत गतिविधियों के माध्यम से संंस्कृत शिक्षा की मेवाड़ क्षेत्र में अलख जगाई हैं। वर्तमान में कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ में 180 से अधिक छात्राएं संंस्कृत विषय में अध्ययनरत हैं जिनमें से 52 छात्राएं गतवर्ष जिला स्तर पर सम्मानित हुई है। कन्या महाविद्यालय की छात्राएं सामान्य बोलचाल संस्कृत संभाषण करने में सक्षम हुई है। प्राचार्य गौतम कुमार कूकड़ा के साथ महाविद्यालय परिवार के सदस्य डाॅ.सी.एल.महावर, डाॅ. लोकेश जसोरिया आदि सदस्यों ने उपरणा पहनाकर श्याम सुन्दर पारीक को युवा प्रतिभा सम्मान मिलने पर बधाईयां दी।