views
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भारतीय सद्भावना मंच द्वारा "आओ जुड़े अपनी जड़ों से" कार्यक्रम का आयोजन बरेली में किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी देवर्षि डॉ. इंद्रेश कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। यह देश हिंदुस्तान था, है, और रहेगा।"
कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सद्भावना मंच की राष्ट्रीय संयोजिका साध्वी माँ कल्पना अंधरुती के संरक्षण और मार्गदर्शन में हुआ। इसका उद्देश्य भारत में हर धर्म और जाति के बीच प्रेम, सद्भाव और मोहब्बत को बढ़ावा देना था। साध्वी माँ कल्पना ने बताया कि इस उद्देश्य को लेकर मंच के कार्यकर्ता पूरे देश में गाँव-गाँव और ढाणी-ढाणी प्रवास कर रहे हैं। कार्यक्रम में मंच के राष्ट्रीय सलाहकार सीए (डॉ) अर्जुन मूंदड़ा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के 8-10 राज्यों से मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। अतिथियों का स्वागत माला, पगड़ी, उपरणा, और राम मंदिर की प्रतिमा भेंट कर किया गया। डॉ. इंद्रेश कुमार ने अपने भाषण में "वंदे मातरम्", "आई लव इंडिया", और "हमारा भारत" जैसे नारे लगवाकर उपस्थित जनसमूह को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच की भ्रामकताओं पर प्रकाश डाला और इंसानियत को जिंदा रखने की अपील की। डॉ. इंद्रेश ने खालसा धर्म के मूल उद्देश्यों की चर्चा करते हुए बताया कि इसे हिंदू धर्म की रक्षा के लिए स्थापित किया गया था। वक्फ़ कानून की पारदर्शिता पर जोर देते हुए उन्होंने मुस्लिम समुदाय से सवाल किया कि वक्फ़ संपत्तियों का उपयोग समाज सेवा के लिए क्यों नहीं हो रहा। उनकी बात पर उपस्थित मुस्लिम समुदाय ने भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने इंसानियत को धरती पर स्वर्ग का मूल मंत्र बताया और सभी को स्वर्ग बनाए रखने के लिए इंसानियत जिंदा रखने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम के दौरान सिख समाज के सुरेंद्र सिंह और मनजीत सिंह के आवास पर एक बैठक हुई, जिसमें खालसा सिख धर्म पर चर्चा हुई। डॉ. इंद्रेश का स्वागत जिला कलेक्टर रविंद्र कुमार और विधायक संजीव अग्रवाल ने भी किया। साध्वी माँ कल्पना ने अपने प्रेरक प्रयासों से आयोजन को सफल बनाया। सीए अर्जुन मूंदड़ा ने मंच को मार्गदर्शन देने के लिए डॉ. इंद्रेश का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों ने भाग लिया। संचालन डॉ. विनोद पगरानी ने किया। उपस्थित प्रमुख अतिथियों में सुरेंद्र नागपाल, मनजीत सिंह, नदीम ईजाइल, गुरविंदर सिंह, शाहीन रजा, और अन्य शामिल थे।