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सीधा सवाल। भूपालसागर। भूपालसागर से चलकर मेवाड़ के प्रतिष्ठित शंखेश्वर श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ पर विश्व शांति यात्रा का भव्य समापन हुआ। पूज्य गुरुदेव आचार्य निपुणरत्न सूरीश्वर जी महाराज की पावन निश्रा में यह यात्रा भीम नगरी से आरंभ होकर करेड़ा तीर्थ पर संपन्न हुई। जैन समाज द्वारा कोठारी वाटिका से गुरुदेव का भव्य स्वागत किया गया। यात्रा जाशमा रोड, माली मोहल्ला, आजाद चौक, मुख्य बाजार, और बस स्टैंड होते हुए करेड़ा तीर्थ पहुंची। मार्ग में जगह-जगह तोरणद्वार सजाए गए, और विभिन्न घरों से अक्षत अर्पित कर भगवान का वधामना किया गया। मंदिर के पास महिलाओं ने गहुली बनाकर कलश से गुरुदेव का वधामना किया। पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से तीर्थ पर तीसरा उपधान आरंभ हुआ, जिसमें 100 से अधिक श्रावक-श्राविकाएं साधु-साध्वी के समान तपस्या कर संयमित जीवन व्यतीत करेंगे। डेढ़ महीने तक चलने वाले इस उपधान में मोक्ष माला ग्रहण की जाएगी। भूपालसागर में प्रवेश के दौरान स्थानीय गौ गोपाल सेवा संस्थान और गौशाला कमेटी ने गुरुदेव की अगवानी की। गुरुदेव ने गौशाला में पगलिया कर दर्शन दिए और वहां का भ्रमण किया। इसके बाद चांदी के रथ में भगवान बिराजमान के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। प्रवेश के उपरांत गुरुदेव ने प्रवचन में तीर्थ भूमियों की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "तीर्थ भूमि सभी जीवों को पवित्र कर परम् सुखी बनाती है। हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी तीर्थ भूमियों को समृद्ध और सक्षम बनाए।
इस आयोजन में करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ के कोषाध्यक्ष हेमंत कोठारी, अनिल मेहता, श्रेणिक मनवात, कुलदीप नाहर, कमलेश जारोली, भीलवाड़ा से अभिषेक नाहर, सुनील बालर, अनिल बालर, और निम्बाहेड़ा से अभय जारोली सहित स्थानीय जैन समाज के सभी सदस्य, महिलाएं और ग्रामवासी उपस्थित रहे।