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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रमांक-2 चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश विनोद कुमार बैरवा ने एक महत्वपूर्ण मामले में मानव हत्या के प्रयास के दोषी को सख्त सजा सुनाई है। आरोपी झबरु रेबारी को सात साल के कठोर कारावास और 85 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। अपर लोक अभियोजक अब्दुल सत्तार खान के अनुसार, यह घटना 3 अप्रैल 2021 को घटित हुई थी। मध्यप्रदेश के मंदसौर निवासी गोविंद रेबारी ने चित्तौड़गढ़ थाना सदर में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। गोविंद ने बताया कि उसकी पत्नी टीना और बच्चे कुछ समय पहले आरोपी झबरु रेबारी के साथ चले गए थे। आरोपी ने फोन कर गोविंद को चित्तौड़गढ़ बुलाया और एक सुनसान स्थान पर ले जाकर चाकू से पेट पर हमला कर दिया। हमले में गोविंद की आंतें बाहर आ गईं। वह किसी तरह टोल नाके तक पहुंचा, जहां से उसे अस्पताल भेजा गया। गंभीर स्थिति के चलते उसे उदयपुर रेफर किया गया, जहां कई दिनों तक इलाज चला। पुलिस ने झबरु रेबारी को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायालय में अभियोजन पक्ष ने 8 गवाहों और 16 दस्तावेजों को प्रस्तुत किया। घायल गोविंद ने अदालत में अपने घाव दिखाए और आरोपी की पहचान की। डॉक्टर की रिपोर्ट में गोविंद की चोटों को प्राणघातक बताया गया। न्यायालय ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों के आधार पर झबरु रेबारी को दोषी ठहराया। धारा 307 (आईपीसी): 7 वर्ष का कठोर कारावास और ₹50,000 का जुर्माना। धारा 326 (आईपीसी): 3 वर्ष का कठोर कारावास और ₹25,000 का जुर्माना। धारा 4/25 (आर्म्स एक्ट): 1 वर्ष का कठोर कारावास और ₹10,000 का जुर्माना।
न्यायालय ने आरोपी के कृत्य को गंभीर अपराध मानते हुए इसे सोची-समझी साजिश करार दिया। अदालत ने कहा कि प्रार्थी को चित्तौड़गढ़ बुलाकर सुनसान स्थान पर हमला करना अपराध की गंभीरता को दर्शाता है।