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सीधा सवाल। बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के झेर मोटी गांव में एक रहस्यमयी एक्सीडेंट के मामले का पुलिस ने खुलासा किया। यह घटना 1 दिसंबर 2024 को हुई थी, जब हाईवे पर एक अज्ञात व्यक्ति की क्षत-विक्षत हालत में लाश मिली। शुरुआत में यह एक हादसा लग रहा था, लेकिन गहराई से जांच करने पर यह खुलासा हुआ कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। सल्लोपाट थानाधिकारी देवीलाल खटीक ने बताया कि थाना सल्लोपाट क्षेत्र में पुलिस को हाईवे किनारे एक व्यक्ति की लाश मिलने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने पर पास पड़े बैग में आधार कार्ड मिला, जिससे मृतक की पहचान नरेन्द्रसिंह पिता मिटूसिंह रावत निवासी अजमेर के रूप में हुई। परिवार को सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने शव को पहचानने से इनकार कर दिया। परिजनों ने बताया कि नरेन्द्रसिंह कर्ज़ में डूबा हुआ था और बीमा करवाकर उसकी किस्तें भरता था। पुलिस को घटना में गहरी साजिश की आशंका हुई और उच्च अधिकारियों के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिरों की मदद से गहराई से जांच की गई।
कर्ज़ से छुटकारा पाने के लिए रची थी साजिश
थानाधिकारी देवीलाल ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि नरेन्द्रसिंह ने खुद को मरा दिखाकर बीमा क्लेम लेने और कर्ज़ से छुटकारा पाने के लिए यह साजिश रची। उसने एक बेसहारा व्यक्ति, तोफान पिता राधेश्याम बैरवा (फतेहपुर, कोटा), से दोस्ती की। नरेन्द्रसिंह ने उसे शराब पिलाकर बेहोश कर दिया और एक ट्रेलर चालक इब्राहीम खान के साथ मिलकर ट्रेलर के नीचे कुचलकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, उसने अपने दस्तावेज़ मृतक के पास छोड़ दिए ताकि यह लगे कि मरने वाला वह खुद है। थानाधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम ने गहन प्रयासों के बाद साजिश के प्रमुख आरोपी
चित्तौड़गढ़ जिले के गरदाना निवासी भैरूलाल नायक,
और ट्रेलर चालक मंडफिया निवासी इब्राहीम खान को गिरफ्तार किया। तीसरा आरोपी अजमेर निवासी नरेन्द्रसिंह रावत फरार है, जिसकी तलाश जारी है। आरोपी भैरूलाल नायक ने पूछताछ में पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। उसने बताया कि उसने नरेन्द्रसिंह की योजना के तहत तोफान को फुसलाकर लाया और हत्या में शामिल हुआ। मृतक तोफान की पहचान उसके हाथ पर खुदे नाम और बहन की गवाही से हुई। तोफान की बहन ने पुष्टि की कि हत्या से पहले उसने नरेन्द्रसिंह और भैरूलाल के साथ होने की सूचना दी थी।
तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिरों की मदद से मिली सफलता
घटना का खुलासा करने में पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय मुखबिरों की मदद से सफलता मिली। एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला के निर्देशन में गठित टीम के सदस्यों में थानाधिकारी देवीलाल खटीक, सज्जनगढ़ थानाधिकारी नागेन्द्रसिंह, सहायक उप निरीक्षक मगनलाल, प्रवीणसिंह साईबर सेल, हेड कांस्टेबल रामसिंह, जगपालसिंह, धर्मेन्द्रसिंह, गणेश, शैतानराम, यूवराज, मोहित, धीरज और साइबर सेल की टीम की
विशेष भूमिका रही।
इनका कहना है
मामलें का खुलासा एक बड़ी सफलता है। यह घटना दिखाती है कि कैसे कुछ लोग अपने फायदे के लिए निर्दोष लोगों की जान लेने से भी नहीं हिचकते। फरार आरोपी की तलाश जारी है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हर्षवर्धन अग्रवाला, एसपी बांसवाड़ा