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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भारतीय सद्भावना मंच के तत्वावधान में 'आओ जुड़ें अपनी जड़ों से' विषय पर एक राष्ट्रीय गूगल मीट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता को बनाए रखना तथा समाज के सभी वर्गों को आपस में जोड़ना था। इस पहल का नेतृत्व भारतीय सद्भावना मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष साध्वी माँ कल्पना अंधरूती ने किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक देवर्षि इंद्रेश कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा, "हमारा भारत, सारे जहाँ से अच्छा है। हमें इसकी अनेकता में एकता पर गर्व होना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश के कानून, नियम और संस्कृति का सम्मान करें।" उन्होंने समाज में फैलने वाली भ्रामक चर्चाओं से सावधान रहने और समाज को बांटने की राजनीति का विरोध करने का आह्वान किया।
देवर्षि इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत की पहचान उसकी विविधता में एकता है, जो प्राचीन काल से ही हमारी सांस्कृतिक धरोहर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संविधान और कानूनों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है और उनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में देशभर से 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसमें विभिन्न जाति, धर्म, और समुदाय के लोग जैसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, सिंधी, वैश्य, एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए। चित्तौड़गढ़ और मेवाड़ क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में प्रतिभागी जुड़े। राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. अर्जुन मूंदड़ा ने इस अभियान को राज्य और जिला स्तर पर विस्तारित करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि 'आओ जुड़ें अपनी जड़ों से' अभियान के तहत गूगल मीट और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। युवा प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री शमी खान ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कार्यक्रम को एकता और समरसता का प्रतीक बताया। कार्यक्रम में चित्तौड़गढ़ से किशन सालवी, राजमल छिपा, आवेश शेख, राजेश गहलोत सहित कई सदस्यों ने सहभागिता की।
सभी प्रतिभागियों ने समाज में एकता और भाईचारे को मजबूत करने और देश के हित में विशेष योगदान देने का संकल्प लिया।