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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर में श्यामसुंदर-मांगीदेवी शर्मा के संयोजन में श्री सर्वेश्वर मंदिर हर्षनगर सेतु मार्ग में आयोजित श्री मद्भागवत के सप्ताह के छठे दिवस पर पं.आशीष आनन्द महाराज ने भागवत के विभिन्न प्रसंगों की संगीतमय कथा सुनाई।महाराज ने कान्हो बैठो कदम की डालियां व रास रचावे कान्हो रास रचावे आदि भजनों के साथ रासलीला का विस्तृत वर्णन किया। इसमें श्रृद्धालुओं ने भावनृत्य द्वारा वृंदावन की याद दिला दी। उन्होंने भगवान की चीरहरण की लीला का वर्णन किया। रुक्मणी विवाह की कथा सजीव झांकी के साथ सुनाई गयी । तरूण व पूजा शर्मा ने श्रीकृष्ण ने रुक्मणी का रुप धारण कर
वरमाला सहित आकर्षक मंचन किया। कैलाशचंद्र व सुशीला शर्मा ने नंद यशोदा की भूमिका निभाई।व्यासपीठ का भक्त मंडली सहित पधारें नाकोड़ा धाम सादी(गंगरार)के पं.धनराज शर्मा व नगर परिषद के xen जितेन्द्र मीणा ने व्यासपीठ का पूजन किया। सर्वेश्वर मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक लक्ष्मीनारायण डाड व अध्यक्ष विनोद लढ़ा व रमेश चंद्र दशोरा आयोजक कैलाशचंद्र शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।कंस की सेविका कुब्जा द्वारा भगवान कृष्ण को चंदन लेप लगाने व उसका टेढ़ापन मिटाकर सुंदर नारी बनाने का वृत्तांत सुनातै हुए कथा व्यास ने बताया कि धन के कुकृत्यों में लगाने पर भगवान उन्हें शीघ्र ही धनहीन हो कर देते है।महाराज ने कान्हो बैठो कदम की डालियां व रास रचावे कान्हो रास रचावे आदि भजनों के साथ रासलीला का विस्तृत वर्णन किया। जिसमें श्रृद्धालुओं ने भावनृत्य द्वारा वृंदावन की याद दिला दी। उन्होंने भगवान की चीरहरण की लीला जरासंध की उत्पत्ति के रहस्य का वर्णन किया।स्वयं को साधने में रत प्राणी ही आगे चलकर सच्चा साधू बनता है।निच्छल प्रेम से ही प्रभू को प्रकट किया जा सकता है।भगवान से कोई भी रिश्ता बना कर भक्ति की जा सकती है।श्रीकृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर गोपियां अपनी सुद बुद खोकर रासलीला में पहुंच जाती है। धर्म की धूरी माने जाने वाली स्त्रियां बड़ी संख्या में उपस्थित हुई।जरा ठहरों श्याम अभी हमने जी भरके देखा नहीं है भजन के साथ उन्होंने अंक्रुर के साथ गोकुल से मथुरा के प्रस्थान का मार्मिक चित्रण किया। रमेश चंद्र सोनी धनराज ओझा, श्रवण सोनी, रमण लाल शर्मा, रवि मोहन शर्मा, राजेंद्र पोरवाल, धनराज गूजर, कृष्ण गोपाल धुप्पड़, संदीप तिवारी, आशीष आगाल, सुभाषचन्द्र चन्द्र नारायण व्यास ने कथामृत का लाभ लिया।नीलेश पटवारी खुमानसिंह सावंत सिंह गजेन्द्र सिंह दशरथ सिंह तेजपाल श्रवण कुमार व विक्रम सिंह एडवोकेट रमेशचंद्र दशोरा सहित बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने आरती उतारी।
