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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। वैसे तो पूरा चित्तौड़गढ़ जिला सीमेंट हब कहलाता है। जिले में आधा दर्जन से अधिक सीमेंट उद्योग हैं तथा अन्य भी जमीन तलाश रहे हैं। जिले में चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर बिरला सीमेंट है, जबकि निंबाहेड़ा में करीब चार प्लांट हैं। आगामी दिनों में लोकसभा की पिटिशन कमेटी बिरला सीमेंट की जांच एवं साइड विजिट का कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। पूर्व में भी बिरला सीमेंट की जांच कुछ मामलों पर हुई है। ऐसे में चर्चाओं का दौर है कि सीमेंट हब कहलाए जाने वाले निंबाहेड़ा में किसी उद्योग की जांच नहीं होकर केवल बिरला सीमेंट को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है। वहीं, यह भी जानकारी सामने आई है कि बिरला सीमेंट की एक शिकायत गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त होने की है।
जानकारी में सामने आया कि लोकसभा की पिटीशन कमेटी का आगामी सात जुलाई काे चित्तौड़गढ़ में दौरा प्रस्तावित है। यह कमेटी 7 से 11 जुलाई तक चित्तौड़गढ़ व उदयपुर के दौरे पर होगी। चित्तौड़गढ़ में बिरला सीमेन्ट वर्क्स की खनन क्षेत्र का साइट विजिट कर आमजन से चर्चा करते हुए मामले की जांच करेगी। इसे लेकर आगामी 7 जुलाई काे सुबह 11 बजे पिटीशन कमेटी बिरला कॉर्पाेरेशन के 364.8 हैक्टेयर लीज खनन क्षेत्र में दौरा भी करेगी। इसे लेकर जिला कलक्टर और अन्य अधिकारियों के माध्यम से विभिन्न अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए है। इसे लेकर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए है। चित्तौड़गढ़ के बिरला सीमेन्ट में जांच करने आ रही 18 सदस्यीय पिटीशन कमेटी को लेकर कुछ सवाल खड़े हुए है कि आखिर कमेटी द्वारा बिरला सीमेन्ट की जांच की जरूरत क्यों पड़ी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिरला सीमेन्ट के लीज एरिया को लेकर कतिपय लोगों द्वारा शिकायत की गई थी। इसी शिकायत को लेकर कमेटी का दौरा तय किया गया है। बड़ी बात यह है कि पिटीशन कमेटी के अध्यक्ष स्वयं चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी है, जो कि क्षेत्र से भली-भांति वाकिफ है। इसके बावजूद 18 सदस्यीय पिटीशन कमेटी की साइट विजिट का क्या कारण रहा है। दौरे एवं साइट विजिट के लिए काफी ताम झाम भी किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कथित रूप से बिरला सीमेन्ट में मिलने वाले कामों को लेकर हो रही प्रतिस्पर्धा के चलते शिकायतें की गई है। इससे बिरला प्रबन्धन पर दबाव डाला जा सके। यह भी जानकारी है कि पिटीशन कमेटी के 7 से 11 जुलाई तक के 4 दिवसीय इस दौरे का खर्च पीएनबी बैंक द्वारा उठाया जाएगा। पिटीशन कमेटी की और से जारी किए कार्यक्रम के अनुसार 7 जुलाई को सुबह 11 बजे 18 सदस्यीय कमेटी बिरला सीमेन्ट में स्पोर्ट स्टडी करते हुए क्षेत्र में रहने वाले लोगों से चर्चा कर बिरला सीमेन्ट द्वारा चलाई जा रही गैर कानूनी गतिविधियों की जांच करेगी। इसके बाद कमेटी दोपहर 3 बजे खान विभाग के प्रतिनिधियों और बिरला कॉर्पाैरेशन को लेकर चर्चा करेगी।
अचानक लीगल एक्शन खड़े कर रहा सवाल
लोकसभा की पिटीशन कमेटी द्वारा किये जा रहे इस दौरे को लेकर सवाल यह उठता है कि जिले के निम्बाहेड़ा क्षेत्र में सीमेन्ट के कई बड़े कारखाने है। इसके बावजूद कमेटी निम्बाहेड़ा क्षेत्र में जांच करने नहीं जा रही। बड़ी बात यह है कि चित्तौड़गढ़ में बिरला सीमेन्ट सबसे पुराना कारखाना है और चित्तौड़गढ़ शहर के विकास में उसका एक बड़ा योगदान रहा है। एक तरफ सरकार कारखानों को स्थापित करने और लाेगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। इस बीच कमेटी का अचानक बिरला सीमेन्ट के विरूद्ध लीगल एक्शन लेने का मामला सवाल खड़े करता है।