चित्तौड़गढ़ - वैज्ञानिको ने किसानों को सोयाबीन एवं तिलहन फसलो के उत्पादन पर फायदो की तकनीकी जानकारी दी
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सीधा सवाल। गंगरार। कृषि विभाग की दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला श्री सारणेश्वर महादेव मंदिर परिसर में नेशनल मिशन ऑन ऐडिबल ऑयल सीड योजनान्तर्गत गुरुवार को आयोजन किया गया।
डॉ. रतन लाल सोलंकी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ़ ने तिलहनी फसलो में पोषक तत्व प्रबंध, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व, तिलहन फसलो में जिप्सम प्रयोग का महत्व एवं प्राकृतिक खेती के फायदा के बारे में जानकारी दी गई। ललित कुमार शर्मा सहायक कृषि अधिकारी ने कृषकों को आने वाली रबी सीजन की तिलहनी फसलो की बुवाई से पूर्व खेत तैयारी, बीज उपचार, फसल की किस्मे, खाद एवं उर्वरक प्रबंधन, फसलों के प्रमुख रोग, किट एवं उनका नियंत्रण, खरपतवार नियंत्रण की मुख्य रूप से जानकारी दी। सहायक कृषि अधिकारी कान सिंह राणावत ने विभाग की योजनाएं यथा पीवीसी एवं एचडीपीई पाइपलाइन, कृषि यंत्र, फार्मपॉन्ड, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना एवं उद्यान विभाग की योजनाएं यथा स्प्रिंकलर, ड्रिप, सौर ऊर्जा संयंत्र, एवं बगीचा निर्माण की जानकारी दी। वीसीपी रतन लाल कीर ने किसानो को नेशनल मिशन ऑन ऐडिबल ऑयल सीड योजना में होने वाले फायदो के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बलवंत सिंह सहायक प्राध्यापक कृषि संकाय मेवाड़ यूनिवर्सिटी ने जलवायु को बदलते देखते हुए सोयाबीन की खेती में करने का तरीका बताया और क्या में प्रोजेक्ट अपना सोयाबीन का। डॉक्टर चंपालाल रेगर सहायक प्राध्यापक कृषि मेवाड़ यूनिवर्सिटी भूमि प्रबंधन फसल प्रबंधन भी जॉब कर आदि की जानकारी दी। इस मौके पर एफपीओ बोर्ड डायरेक्टर माया कीर, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक लॉर्ड कुमारी शर्मा, कृषि पर्यवेक्षक लोकेश कुमार सैनी, प्रियंका शर्मा, कैलाश चंद्र, शिवराज आदि उपस्थित रहे।