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सीधा सवाल। कपासन। "देश के स्तर का ज्ञान जानने के लिए वहां के शिक्षक के स्तर को देख लेना चाहिये।" ऐसे विचार आर. एन. टी. कॉलेज ऑफ टीचर एज्यूकेशन, कपासन में आयोजित अभिविन्यास कार्यक्रम में उदयपुर ज्योतिबा फुले टी टी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनीष सक्सेना ने कहे। प्रो. सक्सेना ने कहा कि चर्चा के साथ चिन्तन अतिआवश्यक है। ज्ञान का मार्ग हमेशा निर्माणाधीन होता है इसलिए सीखने की प्रक्रिया आजीवन चलती है। रटकर हमेशा पढा जा सकता है पर अनुभव से हमें सीखने को मिलता है। आज की शिक्षा पद्धति रोबोट की तरह है परन्तु अनुभव एवं संवेग की धारा शिक्षक ही उत्पन्न करता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केरियर डिप्लोमेट भारत सरकार, पोलिसी ऑफिसर यूनाइटेड नेशन सिद्धार्थ राजहंस ने शिक्षा में एआई के सकारात्मक प्रयोग को बताते हुए एआई के जीवन इतिहास व युगीय क्रान्ति से अवगत कराया। राजहंस ने शिक्षा से संबंधित कई वेबसाइट जैसे स्वयं पोर्टल, ज्ञान दर्शन, आईआईटी खडगपुर, मुम्बई, गूगल क्लासरूम, चेट जीपीटी आदि का हवाला देते हुए जो विद्यार्थियों को अपनी रूचि को ऊंचाईयों तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय प्रबन्ध निदेशक डॉ. वसीम खान ने सभी विद्यार्थियों एवं राजकीय सेवाओं में आ चुके एलुमनी का महाविद्यालय में स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिवस आप सभी के उपनयन संस्कार का दिवस है अब इस शिक्षा के आलय में निष्णात गुरुओं के सानिध्य में रहकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए तत्पर हो जाइये। विद्यार्थियों को अपनी आन्तरिक शक्ति से परिचित कराते हुए पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का संदेश देते हुए कहा कि "सपना देखना चाहिये पर ऐसा जो सफलता की ओर ले जाए।" विद्यार्थियों को सोते हुए सपने नहीं देखने चाहिये बल्कि सपने ऐसे देखने चाहिये, जो सोने ना दे।
अकादमिक निदेशक शिवनारायण शर्मा ने अभिविन्यास कार्यक्रम में नवआगुंतक प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए उनके भावी एवं उन्नत जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. निशा अग्रवाल ने महाविद्यालय की भौतिक एवं मानवीय संरचना एवं उपलब्धियों को पीपीटी द्वारा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के शुभारम्भ में सीनियर विद्यार्थियों द्वारा सभी नवप्रवेशित विद्यार्थियों का तिलक, मौली व गुड खिलाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मोनिका जैन ने किया।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा महाविद्यालय द्वारा गरीब निःशक्त विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए शिक्षा सक्षम योजना के तहत शम्भूगिरी गोस्वामी को छात्रवृति का चैक प्रदान किया गया। कार्यक्रम में पूर्व विद्यार्थियों रवि छीपा, विशाल गौड, जसवंत आडतिया आदि ने अपने अनुभव साझा किए। राजकीय सेवाओं में आ चुके पूर्व विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। सभी का आभार कृषि महाविद्यालय डीन प्रो. एल. के. दशोरा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में पीजी प्राचार्य प्रो. एस. एन. ए. जाफरी, डॉ. रामसिंह चुण्डावत, स्टॉफगण एवं समस्त विद्यार्थीगण उपस्थित थे।